गुजरात चुनाव VS पाटीदार ! अक्षरधाम मंदिर में PM मोदी की भक्ति

पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार (02 नवंबर) को स्वामीनारायण संप्रदाय के अक्षरधाम मंदिर के रजत जयंती समारोह में शामिल हुए।

Update:2017-11-03 05:04 IST
गुजरात चुनाव VS पाटीदार ! अक्षरधाम मंदिर में PM मोदी की भक्ति

गांधीनगर : पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार (02 नवंबर) को स्वामीनारायण संप्रदाय के अक्षरधाम मंदिर के रजत जयंती समारोह में शामिल हुए। पीएम ने यहां भगवान स्वामीनारायण के दर्शन किए। अक्षरधाम मंदिर में संत ब्रह्मबिहारी स्वामी ने पीएम मोदी की अगवानी की। पीएम मोदी ने मयूरद्वार का उद्घाटन किया। मोदी ने इस मंदिर की 25 साल की यात्रा पर तैयार 15 मिनट के भव्य ध्वनि एवं प्रकाश (लाइट एंड साउंड ) शो अक्षरधाम सनातनम भी देखा। जयंती के मौके पर अक्षरधाम मंदिर को विशेष तौर पर सजाया गया।



स्वामीनारायण संप्रदाय के करोड़ों फॉलोवर्स हैं। और इनमें भी बहुत बड़ी तादाद पाटीदारों की है। आरक्षण के मुद्दे पर यही समुदाय बीजेपी से नाराज चल रहा है। हार्दिक पटेल बहुत हद तक कांग्रेस को समर्थन देने की बात कह चुके हैं। लिहाजा, मोदी की गुरुवार की अक्षरधाम यात्रा के सियासी मायने भी देखे जा रहे हैं।



पीएम मोदी ने कहा कि स्वामीनारायण सम्प्रदाय में पटेल समुदाय के सदस्यों की काफी संख्या है। उन्होंने इस दौरान परोक्ष रूप से पाटीदार समुदाय के साथ स्वयं को जोड़ने का प्रयास करते हुए स्वामीनारायण सम्प्रदाय के संतों के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया।

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मोदी ने कहा कि यह मंदिर अपने समय में अप्रतिम सुंदर बना है। आप भले ही बिना भक्ति भाव के इस मंदिर में प्रवेश करें। लेकिन, यहां से निकलते वक्त आप भक्त हो जाएंगे। स्वामीनारायण मंदिर भव्यता और दिव्यता का प्रतीक है।



और क्या बोले पीएम मोदी ?

-यह मेरा सौभाग्य है कि मैं यहां आया।

-पूज्य स्वामी से मेरी निकटता रही है।

-अक्षरधाम मॉडर्न टेक्नोलॉजी और परंपरा का अद्भुत उदाहरण है।

-आजकल एक परंपरा सी हो गई है कि चमत्कार के बिना हमें मजा नहीं आता।

-लेकिन, पूज्य स्वामी में चमत्कार जैसी कोई चीज नहीं थी।

-लेकिन, पता नहीं क्यों आप उनसे एक बार मिलने के बाद, फिर उनसे दूर नहीं रह सकते थे।

-प्रमुख स्वामी फैलाव नहीं, जीवन में ऊंचाई के पक्षधर थे।

-वो हरि भक्तों को हरि की तरह ही ऊंचाई पर देखना चाहते थे।



-मोदी ने कहा कि प्रमुख स्वामी ने मात्र एक इमारत रूपी मंदिर नहीं बनाया।

-लोग कहते हैं कि किसी ने एक, किसी ने पांच और किसी ने 12 सौ मंदिर बनाए।

-लेकिन प्रमुख स्वामी ने सामाजिक चेतना को केंद्र बनाया।

-मैं उनके करीबियों में रहा हूं वो कहते थे सामाजिक चेतना को परंपरा बनाना होगा।

-अक्षरधाम में आपको गंदगी नहीं मिलेगी। कहीं झूठन नहीं मिलेगी।

-अगर आपने ऐसा किया तो ये ठीक नहीं। वो छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखते थे।

-गुजरात में नर्मदा योजना को लाने में प्रमुख स्वामी का बड़ा योगदान था।



क्यों खास है अक्षरधाम मंदिर?

गांधीनगर का अक्षरधाम मंदिर 1992 में बनकर तैयार हुआ था। अक्षरधाम मंदिर का निर्माण स्वामीनारायण संप्रदाय की बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण ने करवाया था। स्वामीनारायण संप्रदाय की शुरूआत 1801 में गुजरात के आनंद के पास बोचासन गांव में हुई थी, जो पटेलों का गढ़ था। स्वामीनारायण संप्रदाय की संस्था के दुनियाभर में 3850 केंद्र हैं।दुनिया भर में स्वामीनारायण संप्रदाय के 1100 मंदिर हैं। दिल्ली और गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर भारत में सबसे बड़े और मशहूर माने जाते हैं।



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