एक और खुलासा : प्रणब दा के ठाकरे से मिलने पर खफा थीं सोनिया

दिवंगत शिवसेना नेता बाल ठाकरे के साथ पूर्व प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी की एक मुलाकात पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बेहद नाराज हो गई थीं।

Update: 2017-10-17 00:31 GMT
एक और खुलासा : प्रणब दा के ठाकरे से मिलने पर खफा थीं सोनिया

नई दिल्ली : दिवंगत शिवसेना नेता बाल ठाकरे के साथ पूर्व प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी की एक मुलाकात पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बेहद नाराज हो गई थीं। यह खुलासा पूर्व प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब ‘द कोएलिशन ईयर्स : 1996-2012’ में किया है।

मुखर्जी के मुताबिक, 2012 में प्रेसिडेंट चुनाव के समय उन्होंने शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे से मुलाकात की थी। इस मुलाकात की वजह से सोनिया गांधी और उनके राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल काफी नाराज हुए थे। प्रणब के मुताबिक, मैंने वही किया जो मुझे सही लगता था।

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बता दें, कि 2012 के प्रेसिडेंट इलेक्शन में एनडीए के नॉमिनी पीए. संगमा थे। जबकि यूपीए से प्रेसिडेंट इलेक्शन में कैंडिडेट प्रणब मुखर्जी थे। जबकि, बाल ठाकरे की शिवसेना एनडीए का हिस्सा थी। बावजूद इसके, ठाकरे ने प्रणब को सपोर्ट किया था।

प्रणब मुखर्जी ने खुलासा किया है कि उन्होंने बाल ठाकरे से यह मुलाकात एनसीपी नेता शरद पवार की सलाह पर की थी जो यूपीए-2 (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के सहयोगी थे। मैंने पवार से पूछा कि क्या मुझे ठाकरे से मिलना चाहिए। उनकी सलाह सोनिया से बिल्कुल उलट थी। पवार ने कहा कि मुझे ठाकरे से जरूर मिलना चाहिए।

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मुखर्जी के मुताबिक, यह घटना 13 जुलाई 2012 की है। प्रेसिडेंट इलेक्शन कैंपेन के दौरान मुझे उन्हें मुंबई जाना था। सोनिया गांधी ने मेरी बाल ठाकरे से मुलाकात के प्रपोजल को ठुकरा दिया। लेकिन, मैंने उनसे फिर भी उनके घर 'मातोश्री' जाकर मुलाकात की। मैंने ठाकरे से मुलाकात का फैसला इसलिए लिया क्योंकि उन्होंने अपने ट्रेडिश्नल कोएलिशन पार्टनर का साथ छोड़कर मुझे सपोर्ट किया था। अगर मैं ऐसा नहीं करता तो शायद उन्हें दुख होता।

मुखर्जी ने लिखा है कि जब वो ठाकरे से मिलकर लौटे तो उन्हें एक मैसेज के जरिए बताया गया कि सोनिया उनकी और ठाकरे की मुलाकात को लेकर काफी खफा हैं। मैं दिल्ली लौटा। अगली सुबह कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास मिलने आईं। उन्होंने मुझे बताया कि आपने बाल ठाकरे से मुलाकात की थी। इसको लेकर सोनिया और अहमद पटेल आप से नाराज हैं। लेकिन, मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि मैंने वही किया जो मुझे सही लगता था।

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प्रणब ने लिखा कि मैंने यह तय कर लिया था कि इस मुद्दे को मैं और हवा नहीं दूंगा और इसीलिए मैंने फिर कभी इसका जिक्र सोनिया या अहमद पटेल से नहीं किया। इस मुद्दे को मैंने वैसा ही छोड़ दिया।

बाल ठाकरे से अपनी मुलाकात के बारे में पूर्व प्रेसिडेंट ने लिखा है कि यह 'बहुत सौहार्दपूर्ण' मुलाकात थी। इस दौरान शिवसेना सुप्रीमो ने मजाक में कहा था कि एक मराठा टाइगर का रॉयल बंगाल टाइगर का समर्थन करना स्वाभाविक है। मुझे पता है कि एक राजनेता होने के नाते बाल ठाकरे का एक अलग दृष्णिकोण था, लेकिन दूसरी तरफ मैं इस बात से इंकार नहीं कर सकता था कि उन्होंने मेरी उम्मीदवारी का समर्थन किया था।

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प्रणब ने लिखा कि अपने सहयोगियों के प्रभावी हस्तक्षेप और सहयोग के बिना यूपीए के लिए अपना कार्यकाल पूरा करना संभव नहीं हो पाता। यह पहले से ही पता था कि शरद पवार विभिन्न मुद्दों पर पहले ही अप्रसन्न थे और अन्य गठबंधन भागीदारों के बीच भी संबंधों में तनाव था। मैं उन्हें अप्रसन्नता का और कारण नहीं देना चाहता था।

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