नई दिल्लीः अरविंद केजरीवाल के 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है। दरअसल, प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार का संसदीय सचिव संबंधी बिल को मंजूरी देने से इनकार कर है। इस बिल से संसदीय सचिव की पोस्ट को 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' से अलग कर दिया गया था। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर की ओर से भी कंफर्म कर दिया है कि प्रेसिडेंट ने बिल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
प्रेसिडेंट के इस फैसले से केजरीवाल के 21 विधायकों की सदस्यता भले ही खतरे में पड़ गई हो, लेकिन सरकार को खतरा नहीं है। इसकी वजह ये है कि 67 विधायकों से 21 कम होने के बाद भी 70 सदस्यीय विधानसभा में 44 विधायक आम आदमी पार्टी के होंगे। वहीं, इस मामले में घिरे विधायकों का कहना है कि वे संसदीय सचिव के नाते सरकार से वेतन-भत्ता या सुविधा नहीं ले रहे थे जो लाभ के पद के दायरे में आएं।इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक के बाद एक ट्वीट कर अपना गुस्सा पीएम नरेंद्र मोदी पर उतारा।
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क्या है मामला ?
-सीएम केजरीवाल ने साल 2015 में अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव के दिए, लेकिन वह 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' की श्रेणी में आ गए।
-ऐसे में अपने विधायकों को बचाने के लिए दिल्ली सरकार बिल लेकर आई, जिसके तहत वह 'पूर्वप्रभावी' तरीक़े से डिस्क्वालिफिकेशन प्रॉविजन से छूट चाहती थी।
-यह बिल मंजूरी के लिए एलजी नजीब जंग को भेजा गया था, जिसे उन्होंने केंद्र सरकार को भेजा और फिर आगे प्रेसिडेंट के पास इसे मंजूरी के लिए भेजा गया था।
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बीजेपी ने किया था विरोध
-21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करने का बीजेपी और अन्य पार्टियों ने विरोध किया था।
-विपक्ष का आरोप था कि इन 21 विधायकों को मंत्रियों की तरह सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे दिल्ली की जनता पर बोझ पड़ेगा।
-गौरतलब है कि साल 1993 में दिल्ली विधानसभा के दोबारा गठन के बाद से किसी भी सरकार में तीन से ज्यादा संसदीय सचिव नहीं रहे हैं।
अगले स्लाइड में पढ़िए, किन विधायकों की कुर्सी खतरे में हैं
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इन विधायकों पर लटकी है तलवार
1. जरनैल सिंह, राजौरी गार्डन
2. जरनैल सिंह, तिलक नगर
3. नरेश यादव, महरौली
4. अल्का लांबा, चांदनी चौक
5. प्रवीण कुमार, जंगपुरा
6. राजेश ऋषि, जनकपुरी
7. राजेश गुप्ता, वजीरपुर
8. मदन लाल, कस्तूरबा नगर
9. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर
10. अवतार सिंह, कालकाजी
11. शरद चौहान, नरेला
12. सरिता सिंह, रोहताश नगर
13. संजीव झा, बुराड़ी
14. सोम दत्त, सदर बाजार
15. शिव चरण गोयल, मोती नगर
16. अनिल कुमार वाजपेयी, गांधी नगर
17. मनोज कुमार, कोंडली
18. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर
19. सुखबीर दलाल, मुंडका
20. कैलाश गहलोत, नजफगढ़
21. आदर्श शास्त्री, द्वारका
आगे की स्लाइड में देखें कैसे केजरीवाल और अलका लांबा ने पीएम मोदी पर उतारा अपना गुस्सा ...
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मोदी जी लोक तंत्र का सम्मान नहीं करते। डरते हैं तो सिर्फ़ आम आदमी पार्टी से। https://t.co/QpDdInebcF
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 13, 2016
मोदीGसाबित कर दें की21में से किसी 1भी MLAने अब तक1₹का भी प्रॉफिट(लाभ)लिया है,हम एक मिनट नहीं लगायेगें इस्तीफा देने में।
तानाशाही नहीं चलेगी।
— Alka Lamba-MLA (@LambaAlka) June 13, 2016
आप के विधायकों को नहीं बल्कि आप के विधायकों द्वारा गरीब,मजदुर,आम आदमी को मिले रहे "लाभ" (मोहल्ला क्लीनिक)को मोदी सरकार पचा नहीं पा रही।
— Alka Lamba-MLA (@LambaAlka) June 13, 2016
मोदी जी जब विदेशी दौरों पर रहते हैं तब बहुत खुश रहते हैं,दिल्ली वापस आते ही अरविन्द केजीरवाल के पीछे पड़ जाते हैं,हार अभी तक पचा नहीं पाये।
— Alka Lamba-MLA (@LambaAlka) June 13, 2016
किसी MLA को एक पैसा नहीं दिया, कोई गाड़ी, बंगला- कुछ नहीं दिया। सब MLA फ़्री में काम कर रहे थे। मोदी जी कहते- सब घर बैठो, कोई काम नहीं करेगा — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 13, 2016
एक MLA को बिजली पे लगा रखा था, एक को पानी पे, एक को अस्पतालों पे, एक को स्कूल पे। मोदी जी कहते हैं - ना काम करूँगा, ना करने दूँगा।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 13, 2016
एक MLA बेचारा रोज़ अपना पेट्रोल ख़र्च करके अस्पतालों के चक्कर लगाता था। बताओ क्या ग़लत करता था? मोदी जी ने उसको घर बिठा दिया। — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 13, 2016
दिल्ली में हो रहे अच्छे कामों से मोदी जी घबरा रहे हैं।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 13, 2016
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