वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि फिलिस्तीन को भेजी जाने वाली आर्थिक मदद रोकी जा सकती है, क्योंकि वह "शांति वार्ता नहीं चाहती है।" ट्रंप ने ट्वीटर पर कहा कि सहायता प्रदान करने के बदले अमेरिका का सम्मान नहीं किया जाता।
उन्होंने यह भी कहा कि जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में उनके द्वारा स्वीकार करने के कारण सबसे विभाजित मुद्दे पर नई शांति वार्ता की राह मुश्किल हो गई है।
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फिलिस्तीन ने कहा कि इस कदम ने यह दर्शाया है कि अमेरिका एक मध्यस्थ की भूमिका नहीं निभा सकता है।
ट्रंप अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद के बारे में पहले भी बयान दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरबों डॉलर देने के बावजूद उन्हें सिर्फ "झूठ और धोखा" मिला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार शाम ट्वीट किया, "सिर्फ पाकिस्तान ही ऐसा नहीं है, जिसे हम बिना किसी काम के अरबों डॉलर देते हैं।"
उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए हम फिलिस्तीन को हर वर्ष लाखों डॉलर देते हैं और हमारी प्रशंसा नहीं की जाती। वह यह भी नहीं चाहते कि हम इजरायल के साथ लंबे समय से विलंबित शांति संधि पर बातचीत करें।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने वार्ता के सबसे कठिन हिस्से, जेरूसलम को बातचीत की मेज से हटा दिया है, क्योंकि इजरायल को इसके लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती। लेकिन फिलिस्तीन जब शांति वार्ता को आगे नहीं बढ़ाना चहता तो हम भविष्य में उन्हें भारी आर्थिक सहायता क्यों प्रदान करें।"