पंजाब चुनाव: नए राजनीतिक दल के साथ उतर सकते हैं प्रशांत-योगेंद्र

Update: 2016-07-25 08:13 GMT

नई दिल्ली: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले एक और धमाका हो सकता है। बीजेपी और कांग्रेस को टक्कर देने के लिए केजरीवाल की आप ताल ठोंक रही है, वहीं आप को झटका देने के लिए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की नई पार्टी भी चुनाव में कूद सकती है। इस बारे में इसी महीने फैसला किया जा सकता है।

आधा दर्जन राज्यों में संगठन

-पंजाब चुनाव में स्वराज अभियान नाम की पार्टी भी समीकरण बदलने के लिए तैयारियों में जुट गई है।

-आप से निकाले जाने के बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने स्वराज अभियान संगठन बनाया था, जो अब राजनीतिक रूप ले सकता है।

-इस संगठन ने देश भर के आधा दर्जन राज्यों के करीब 100 जिलों में अपना आधार बना लिया है।

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सभी बाकी आएंगे साथ

-स्वराज अभियान में ज्यादातर वे लोग हैं, जो किन्हीं कारणों से अरविंद केजरीवाल और उनके खास लोगों से नाराज हैं।

-संगठन ने राजनीतिक रूप लेने से पहले दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और बिहार में अपनी जड़ें मजबूत की हैं।

-स्वराज अभियान संगठन अब राजनीतिक पार्टी के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिये पंजाब से शुरुआत कर सकता है।

आम आदमी पार्टी पर क्या होगा असर?

पंजाब में 15 सालों से अकाली दल और बीजेपी गठबंधन की सरकार है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, इस बार वहां सत्ता विरोधी लहर है। इसका फायदा उठाने के लिए कांग्रेस की स्थिति मजबूत नहीं है। कांग्रेस में अंदरुनी कलह बहुत बढ़ चुकी है। दूसरी ओर उसके कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी लोकसभा चुनाव के बाद से बनी हुई है।

पूरी स्थिति को देखा जाए तो आम आदमी पार्टी सबसे अधिक फायदे में है। लेकिन यदि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण भी नई पार्टी लेकर आए गए तो वो भी कुछ वोट काट सकते हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी को ही सबसे अधिक नुकसान हो सकता है।

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