नई दिल्ली: रेलवे ने ट्रेनों के कंबलों को हरेक इस्तेमाल के बाद साफ करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इससे आने वाली दुर्गंध अब पुराने जमाने की बात हो जाएगी।
योजना में क्या ?
-इस समय इस्तेमाल किए जा रहे कंबलों की जगह नरम कपड़े से बने नए डिजाइन के हल्के कंबलों का इस्तेमाल होगा।
-इसे प्रत्येक इस्तेमाल के बाद इसे धोया जाएगा।
-इस समय महीने में एक या दो बार ही कंबलों को धोया जाता है।
निफ्ट करेगा कंबलों को डिजाइन
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हम निफ्ट से कंबलों का डिजाइन करवा रहे हैं जिसे हरेक इस्तेमाल के बाद साफ किया जाएगा और इसके बाद भी यह लंबे समय तक चल सकता है।' राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान ने सूती कपड़ा और ऊन मिलाकर कंबल के कपड़े का डिजाइन किया है। इसे रोजाना धोया जा सकता है।
और क्या बताया अधिकारी ने
-'जब से कंबलों के बारे में शिकायतें मिली हैं, हमने मसला सुलझाने का प्रयास किया'।
-हमने निफ्ट के डिजाइन किए गए धोने योग्य कंबल को मंजूरी दी है।
-शुरू में धोने वाले कंबलों का इस्तेमाल कुछ चुनिंदा प्रमुख ट्रेनों में किया जाएगा।
-बाद में इसमें और ट्रेनों को शामिल किया जाएगा।
-रेलवे कई स्टेशनों पर कंबलों सहित चादरों के रोजाना धोने की अत्याधुनिक मशीनें भी लगाएगी।