नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर मामले में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता को एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मजाक उड़ाते हुए कहा है कि उन्हें इस विवाद को सुलझाने की कोई अथॉरिटी नहीं है। ओवैसी ने श्री श्री को जोकर करार देते हुए कहा कि वे कुछ भी कर लें उन्हें उनकी इस कोशिश के लिए नोबेल पुरस्कार नहीं मिलने वाला है।
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उनके मुताबिक कुछ ऐसे लोग जो मुगल लिखना तक नहीं जानते मुगलों का वंशज होने का दावा करते हैं, और अयोध्या विवाद पर अपना पक्ष रखते हैं।
ओवैसी ने रविशंकर को झूठा बताकर कहा कि उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के सदस्यों से कोई मुलाकात नहीं की है। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में पहले ही कह चुका है कि उसे किसी तरह का ऑफर स्वीकार नहीं है। इसलिए इस मुद्दे पर रविशंकर को पतंगबाजी नहीं करनी चाहिए।
ओवैसी ने श्री श्री की खिल्ली उड़ाते हुए कहा, ‘पहले एनजीटी ने जो जुर्माना उनपर लगाया है वो उसे चुकाये फिर शांति की बात करें।
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बतादें, श्री श्री रविशंकर ने बीते 13 नवंबर को कहा था कि वे 16 नवंबर को अयोध्या जा रहे हैं और इस विवाद को सुलझाने से जुड़ी अबतक हुई बातें सकारात्मक रही हैं। वहीँ पिछले महीने शिया वक़्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने बैंगलुरु में श्री श्री रविशंकर से मुलाकात की थी और अयोध्या विवाद पर बात की थी। रिजवी ने कहा था कि वे भी इस विवाद को सुलझाना चाहते हैं और इस मुद्दे का ऐसा समाधान चाहते हैं जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो।