गोरखपुर: रोहिणी और राप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर ने जिला प्रशासन के माथे पर पसीना ला दिया है। हजारों लोग अब तक बेघर हो चुके हैं। 68 गांव जलमग्न हो चुके हैं जबकि 100 से ज्यादा प्रभावित हैं। इस आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ, सेना और एयर फोर्स के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है।
वहीं, एयरफोर्स के जहाज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने का काम कर रहे हैं। अभी तक इस आपदा ने आधिकारिक रूप से आधा दर्जन लोगों की जान ले ली है।
एक दिन पहले नेपाल छोड़ा था पानी
जिलाधिकारी के नेतृत्व में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया गया। खाने-पीने की चीजों को जहाज के माध्यम से गिराया गया। इस संबंध में जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने बताया, कि 'नेपाल द्वारा एक दिन पहले पानी छोड़ा गया था जो अब गोरखपुर पहुंच गया है। इससे रोहनी और राप्ती नदी में उफान है।लगातार बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय बना हुआ है।'
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डीएम रौतेला ने बताया, 'मानीराम, जंगल कौड़िया, मोहरीपुर, पीपीगंज,कैम्पियरगंज, नकहा जंगल, सहित पचासों गांवों में पानी घुस गया है। सैकड़ों गांव त्राहिमाम कर रहे हैं। गांवों से लगातार लोगों को निकाला जा रहा है। पलायन कर रहे लोगों को राहत कैंप में पहुंचाया जा रहा है। लोगों को लंच के पैकेट, पानी की बोतल व जरूरी सामान भी दिए जा रहे हैं। साथ ही सर्च अभियान भी जारी है। हमारी मदद के लिए एयर फोर्स और इलाहाबाद से सेना के जवानों को लगाया गया है।'