चिटफंड घोटाला : ममता के करीबी सांसद को मिली जमानत

Update: 2017-05-19 10:32 GMT

भुवनेश्वर : तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को शुक्रवार को ओडिशा उच्च न्यायालय ने रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले में जमानत दे दी। वह बीते साढ़े चार महीने से जेल में बंद थे। न्यायमूर्ति जे.पी.दास की पीठ ने बंदोपाध्याय को खराब सेहत के आधार पर जमानत दे दी। हालांकि उन्हें 25 लाख का मुचलका भरने तथा अपना पासपोर्ट मामले की जांच कर रही एजेंसी को सौंपने को कहा गया है।

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बीते आठ मई को अभियोजन तथा बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने सांसद की जमानत पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। बंदोपाध्याय को तीन जनवरी को कोलकाता में गिरफ्तार करने वाली सीबीआई ने जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया।

भुवनेश्वर में सीबीआई की विशेष अदालत तथा खुरदा जिला सत्र न्यायालय से जमानत याचिका खारिज होने के बाद बंदोपाध्याय ने जमानत के लिए फरवरी महीने में उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।

चार बार से लोकसभा सांसद तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में साल 2011 से 2012 के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री रहे बंदोपाध्याय को तीन जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले में कथित संलिप्तता को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूछताछ के दौरान उन्हें हिरासत में लिया था।

घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य सांसद तापस पॉल को भी गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी तृणमूल के दोनों नेताओं के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र पहले ही दाखिल कर चुकी है।

आरोप-पत्र में सीबीआई ने बंदोपाध्याय, पॉल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी) तथा पुरस्कार धोखाधड़ी व धन परिसंचरण योजना (प्रतिबंध) अधिनियम की धारा चार एवं छह तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(डी) के तहत अभियोग लगाया है।

एजेंसी ने रोज वैली के अध्यक्ष गौतम कुंदू तथा अन्य पर देशभर के निवेशकों को 17,000 करोड़ रुपये की चपत लगाने का आरोप लगाया है।

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