तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मंगलवार को कहा कि जो भी सबरीमाला मंदिर प्रार्थना करने जाएगा, उसकी रक्षा की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केरल सरकार सभी श्रद्धालुओं के अधिकारों की रक्षा करेगी।
विजयन ने मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात तब कही, जब मीडिया ने इस ओर इशारा किया कि मंदिर की परंपरा को बरकरार रखने के लिए लड़ने वालों ने मंगलवार को यह देखने के लिए वाहनों का निरीक्षण किया कि क्या इन वाहनों में 10-50 वर्ष उम्र तक की कोई महिला मौजूद है।
दो महिला पत्रकारों को शहर में प्रवेश करने से रोका गया, जहां उनके ओबी वैन खड़े थे। प्रदर्शनकारी पंपा में मंदिर स्थल से 20 किलोमीटर दूर निलाकल में जमे हुए हैं।
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विजयन ने कहा, "हां, मुझे बताया गया है कि कुछ लोगों ने वाहनों की जांच शुरू की है। इस तरह की चीजों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोई भी कानून को अपने हाथों में नहीं ले सकता। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस प्रकार की घटनाएं न हो। जो प्रार्थना करना चाहते हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश कि विरोध में पुनर्विचार याचिका नहीं डालेगी। न्यायालय ने अपने फैसले में 10 से 50 वर्ष उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में जाने की अनुमति प्रदान की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने इसे पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, उसे हम स्वीकार करेंगे। अब फैसला आ चुका है, हम इसे लागू करेंगे।"
मंगलवार सुबह, बड़ी संख्या में महिलाओं समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध प्रदर्शन किया और वे निलाकल के पास एकत्रित हुए। इन प्रदर्शकारियों ने मंदिर की ओर जाने वाले वाहनों की जांच की।
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मंदिर बुधवार को अपराह्न् पांच बजे पारंपरिक मासिक पूजा के लिए खुलेगा।
निलाकल में एक अधेड़ उम्र की महिला ने कहा, "हम प्रतिबद्ध हैं, चाहे जो हो जाए, हम 10 से 50 वर्ष की किसी भी महिला को मंदिर के समीप नहीं पहुंचने देंगे। यह जिंदगी और मौत का सवाल है और हम किसी भी परिस्थिति में परंपरा का उल्लंघन नहीं होने देंगे।"
प्रदर्शनकारी मुख्यत: स्थानीय और आस-पास के क्षेत्रों के बताए जा रहे हैं।
इसबीच, मंदिर के संरक्षक त्रावणकोर देवासम बोर्ड(टीडीबी) ने मंगलवार को पंडालम शाही परिवार, सबरीमाला तांत्रि परिवार के प्रतिनिधियों और अन्य हिंदू संगठनों से मुलाकात कर इस विवाद का हल निकालने की दिशा में चर्चा की।