SBI ने दी ग्राहकों को बड़ी राहत, घटी खाते के मिनिमम बैलेंस की लिमिट

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मिनिमम बैलेंस को लेकर ग्राहकों को राहत दी है। बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम राशि की सीमा और इसे बरकरार नहीं रख पाने पर लगने वाले जुर्माने को घटा दिया है।

Update: 2017-09-26 00:51 GMT

मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मिनिमम बैलेंस को लेकर ग्राहकों को राहत दी है। बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम राशि की सीमा और इसे बरकरार नहीं रख पाने पर लगने वाले जुर्माने को घटा दिया है। पहली अक्टूबर से सेविंग एकाउंट में 3,000 रुपए का मासिक औसत मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होगा। न्यूनतम राशि से खाते में कम राशि रहने पर लगने वाली पेनाल्टी में भी 20 से 50 फीसद की कटौती की गई है।

यही नहीं, बैंक ने पेंशनभोगियों, नाबालिगों और सरकारी स्कीमों के लाभार्थियों को मिनिमम बैलेंस की शर्त से पूरी तरह छूट दे दी है। अभी न्यूनतम राशि की यह सीमा 5,000 रुपए है।

संशोधित नियमों के अनुसार, मेट्रो शहरों और महानगरों में स्थित एसबीआइ की शाखाओं में जिन लोगों के खाते हैं, उन्हें अगले महीने की पहली तारीख से तीन हजार रुपए का मिनिमम बैलेंस रखना होगा। अगर खाते में राशि इससे नीचे गई तो इन बड़े शहरों में 30 से 50 रुपए के बीच पेनाल्टी लगेगी। इसके ऊपर जीएसटी भी वसूला जाएगा।

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वहीं, अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए यह शुल्क 20 रुपए से 40 रुपए के बीच होगा। अभी मेट्रो शहरों के लिए एसबीआइ मिनिमम बैलेंस 75 फीसद से कम रहने पर 100 रुपए से ज्यादा का अर्थदंड वसूला जा रहा है। अगर यह न्यूनतम राशि 50 फीसद से नीचे गई तो जुर्माना 50 रुपए और इस पर जीएसटी को जोड़कर वसूले जाएंगे।

नए सर्विस चार्ज पहली अक्टूबर से लागू होंगे। एसबीआइ ने साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री जन धन खातों पर कभी कोई शुल्क नहीं लगाया गया। आगे भी यही व्यवस्था जारी रहेगी। पेंशन का लाभ उठाने वालों और नाबालिगों के खातों को भी इस छूट के दायरे में लाया जाएगा।

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एसबीआई के पास 42 करोड़ खाताधारक हैं। इनमें से 13 करोड़ ग्राहक छूट वाली श्रेणी में आते हैं। ताजा कदम से बैंक के करीब पांच करोड़ अतिरिक्त खाताधारक भी लाभान्वित होंगे।

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