वाराणसीः नवरात्र के सातवें दिन भक्त मां कालरात्रि के रूप के दर्शन करते हैं। काशी में कालिका गली में मां कालरात्रि देवी का भव्य और अति प्राचीन मंदिर विद्यमान है। रात से ही यहां मां के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जाती है। मां कालरात्रि को शत्रु नाशक रक्षा की देवी माना जाता है। यहां मां को नारियल बलि के रूप में चढ़ाने का विशेष महत्व है। साथ ही मां को चुनरी के साथ लाल गुड़हल की माला और मिठाई का भोग लगाया जाता है। ताकि इससे मां प्रसन्न होकर भक्तों को सद्बुद्धि दे और उनकी रक्षा करे।
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मंदिर के पुजारी राजीव मिश्र बताते हैं कि वाराणसी में मां काली का कालरात्रि मंदिर सैकड़ों सालों से भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। चैत्र नवरात्र में इनके दर्शनों का विशेष महत्व है। मां का दर्शन और पूजन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। कहा जाता है क़ि मां का ये स्वरुप काल का नाश करने वाला है।
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