कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों पर बोला SC- स्थाई कर्मियों के बराबर ही मिले सैलरी
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाई या 'कॉन्ट्रेक्ट' पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि अस्थाई कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन मिलनी चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि 'बराबर काम के लिए बराबर पैसे' को मानना होगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ये भी कहा कि कम पैसे देना दमनकारी है।
उल्लेखनीय है कि इस फैसले से देशभर के काम कर रहे लाखों अस्थाई कर्मचारियों को राहत मिलेगी। जस्टिस जेएस खेहर और एसए बोबदे ने ये फैसला सुनाया है।
ये कहा सुप्रीम कोर्ट ने:
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि 'एक ही काम में लगाए गए लोगों को किसी दूसरे व्यक्ति से कम सैलरी नहीं दी जा सकती।
-कोर्ट ने भारत के 'वेलफेयर स्टेट' होने का तर्क भी दिया।
-सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, 'कम पैसे पर काम करवाना मानवीय गरिमा के खिलाफ है।'
-कोर्ट ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों के सिद्धांत को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है।
कम पैसे पर कोई स्वेच्छा से काम नहीं करता
-कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कम पैसे में इच्छा से काम नहीं करता, बल्कि खुद की प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर इसलिए काम करता है ताकि अपने परिवार का पेट भर सके।
-क्योंकि वह जानता है कि अगर कम पैसे में काम स्वीकार नहीं किया तो उसकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
हाई कोर्ट के फैसले को पलटा
-सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश पंजाब के अस्थाई कर्मचारियों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान दिया।
-इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा था कि अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई के बराबर सैलरी नहीं दी जा सकती।