नई दिल्ली: चौ. चरण सिंह जन्म शताब्दी पर इटावा के चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज को सरकारी खजाने से सौ करोड़ रुपए का फंड देने के मामले में पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ उनके परिवार के कई सदस्यों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह सवाल उठाया कि आखिर इस कॉलेज को ही सरकारी फंड देने के लिए क्यों चुना गया?
-चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज का स्थापना एक सोसायटी के द्वारा की गई थी।
-आरोप है कि सोसायटी के मेंबर मुलायम सिंह और उनके परिवार के दूसरे सदस्य भी हैं।
सवाल-जवाब
-चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने पूछा कि आखिरकार सोसायटी द्वारा संचालित इस कॉलेज को 100 करोड़ रुपए सरकारी फंड क्यों जारी किए गए?
यूपी सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इसका इस्तेमाल वर्ल्ड क्लास कॉलेज के निर्माण में किया गया। पीठ ने उनके सवाल दागते हुए कहा कि आखिरकार सिर्फ एक शिक्षण संस्थान को सरकारी फंड देने का निर्णय लिया गया?
-जवाब में साल्वे ने कहा कि कॉलेज सरकार का है और इसका हस्तांतरण नहीं हो सकता।
-हालांकि बाद में साल्वे की ओर से कहा गया कि सरकारी आदेश को देखने के बाद उनकी समझ कहती है कि कॉलेज सरकार की संपत्ति है।
-पीठ ने यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
-कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर इस सोसायटी में कौन-कौन लोग है?
-क्या सोसायटी आय-व्यय का ब्योरा रखती है? क्या आपको रिर्टन दाखिल करने की छूट मिली हुई है?
-पीठ ने सोसायटी को अगली तारीख पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
क्या है पूरा मामला
-सुनवाई के दौरान इस मामले में अमाइकस क्यूरी (न्यायालय मित्र) महालक्ष्मी पवनी ने कहा कि वर्ष 2003 में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री भी थे।
-उस वक्त उनके भाई शिवपाल यादव लोक निर्माण मंत्री थे और संबंधित सोसायटी के अध्यक्ष थे।
-उसी वक्त नियमों को ताक पर रखकर कॉलेज को सरकारी फंड जारी किए गए।
-सोसायटी में रामगोपाल वर्मा और अखिलेश यादव भी थे।
-वर्ष 2006 में इस कॉलेज की संपत्ति 100 करोड़ के आसपास हो गई थी।
-शीर्ष अदालत मनेन्द्र नाथ राय की वर्ष 2005 में दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही है।
-याचिका में आरोप लगाया गया है कि यूपी सरकार ने अवैध तरीके से इस कॉलेज इमरजेंसी फंड से 100 करोड़ रुपये दिए गए थे।
केंद्र से भी जवाब तलब
-शीर्ष अदालत ने साथ ही केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल को यह बताने के लिए कहा है कि क्या सीएजी रिपोर्ट में कॉलेज को फंड जारी करने का ब्योरा है?
-क्या सीएजी ने फंड जारी करने को लेकर आपत्ति जताई है?
लगाया था जुर्मान
-पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और पीडब्लूडी मंत्री शिवपाल सिंह यादव को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था।
-सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर 8 साल से कोई जवाब न दाखिल करने को लेकर दोनों नेताओं को फटकार भी लगाई थी।
-2 लाख रुपए जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के आग्रह पर वापस ले लिया था।