नई दिल्ली: संसद सदनों में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मुद्दे और 2जी मामले को लेकर लगातार हंगामा जारी है। इस बीच मोदी सरकार शुक्रवार (22 दिसंबर) को लोकसभा में तीन तलाक पर बिल पेश कर सकती है। इस बिल को पिछले सप्ताह ही कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है।
बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक पर फैसले के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर कानून बनाने का फैसला किया था। जिसके तहत तीन तलाक देने वाले को सज़ा देने का प्रावधान है।
गौरतलब है, कि केंद्र सरकार 'द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को ला रही है। यह कानून सिर्फ तीन तलाक यानि तलाक-ए-बिद्दत पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति यदि पत्नी को तीन तलाक देगा तो वह गैर-कानूनी होगा। इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक चाहे वह मौखिक हो, लिखित हो या मैसेज में, वह अवैध माना जाएगा। इसकी सजा के रूप में तीन साल जेल और जुर्माना हो सकता है।
बता दें, कि पीएम मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया था। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे।