बिहार में JDU-RJD गठबंधन में विलेन बने शहाबुद्दीन, पार्टियों में टकराव के आसार
पटनाः बिहार में जेडीयू-आरजेडी गठबंधन में आने वाले दिनों में टकराव के आसार बनते दिख रहे हैं। वजह बने हैं बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन। शहाबुद्दीन ने भागलपुर जेल से बाहर आने के बाद नीतीश कुमार को परिस्थितियों से बना सीएम बताया था। अब नीतीश कुमार की सरकार ने शहाबुद्दीन के खिलाफ कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बता दें कि शहाबुद्दीन आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी हैं।
क्या कदम उठा रही नीतीश सरकार?
सीएम नीतीश कुमार ने सीवान में चार महीने पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी और सीबीआई ने जांच हाथ में ले ली है। इस मामले में शहाबुद्दीन पर आरोप लगते रहे हैं। साथ ही बिहार सरकार शहाबुद्दीन को जमानत दिए जाने के खिलाफ अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रख सकती है।
सीवान के एसपी सौरभ कुमार शाह ने कहा कि जिला पुलिस पता लगा रही है कि क्या शहाबुद्दीन के मामले में जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन हुआ है। अगर पता चलता है कि शर्तों का उल्लंघन हुआ है तो हम जमानत रद्द कराने की पहल करेंगे। इसके अलावा शहाबुद्दीन के खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में भी जांच तेज करने के लिए कहा गया है। बता दें कि बिहार पुलिस का ये रुख पहली बार देखा गया है।
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सुप्रीम कोर्ट गई हैं राजदेव की पत्नी
इस बीच, राजदेव रंजन की पत्नी आशा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाकर पति की हत्या की जांच और केस दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है। उन्होंने अर्जी में कहा है कि जांच और केस निष्पक्ष नहीं हो सकते क्योंकि उनके पति के दो फरार हत्यारों को शहाबुद्दीन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ देखा गया है। अर्जी में बिहार सरकार के अलावा सीवान के एसपी, शहाबुद्दीन और लालू यादव के बेटे तेज प्रताप को पक्षकार बनाया गया है।