श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने शोपियां जिले में तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर उनकी हत्या किए जाने के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा इस्तीफा दिए जाने की खबर का शुक्रवार को खंडन किया। पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अपलोड वीडियो में विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) को इस्तीफा देने का दावा करते हुए दिखा जाना मनगढ़ंत था।
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बयान के अनुसार, एसपीओ की सेवा की समय-समय पर समीक्षा की जाती है और इस समीक्षा के आधार पर एसपीओ को सेवा से मुक्त किया जाता है। सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो मनगढंत हैं।
पुलिस ने कहा, "आतंकियों द्वारा तीन एसपीओ की हत्या करने के बाद किसी पुलिसकर्मी ने इस्तीफा नहीं दिया है।"
लेकिन जम्मू एवं कमीर पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में अवकाश पर गए सभी पुलिसकर्मियों को तुरंत काम पर लौटने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
एडवाइजरी में पुलिसकर्मियों को अगले आदेश तक घर नहीं जाने का निर्देश दिया गया है।
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विडियो हुआ था वायरल
हत्या से निचली रैंक के पुलिसकर्मियों में भय पैदा हो गया और दो पुलिसकर्मियों ने विडियो जारी कर खुद को फोर्स से अलग करने की घोषणा की। कथित विडियो में कहा गया है, 'मेरा नाम इरशाद अहमद बाबा है और मैं पुलिस में कॉन्स्टेबल पद पर हूं। मैं अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं....।'
एसपीओ तजाल्ला हुसैन लोन ने कहा, 17 सितंबर को इस्तीफा दे दिया और वह ये वीडियो इसलिए जारी कर रहे हैं ताकि किसी तरह का कोई शक नहीं रहे।