UN रिपोर्ट: भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर, तेजी के लिए बदला गियर

Update: 2017-12-12 06:04 GMT

संयुक्त राष्ट्र: भारतीय अर्थव्यवस्था और मोदी सरकार के लिए संयुक्त राष्ट्र की पेश रिपोर्ट ने राहत की बारिश की है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और समाजिक विभाग यूएनडेसा ( यूनाइटेड नेशन्स डिपार्टमेंट आफ इकोनामिक एंड सोशल अफेयर्स) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था न सिर्फ अब पटरी पर है बल्कि उसने अपनी गति को तेज करने के लिए गियर भी बदल लिया है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की विकास दर से बढ़ेगी, तो वहीं साल 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.4 फीसदी होगी।

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क्यों अहम है यह रिपोर्ट?

हाल ही में नोटबंदी और जीएसटी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की गति घटकर 6.7 फीसदी तक पहुंच गई थी। इसके बाद तो भारतीय आर्थिक जगत और राजनीति में मोदी सरकार की नीतियों को लेकर कोहराम सा मच गया था। पूर्व पीएम और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह समेत पूरे विपक्ष ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। अब यूएनडेसा की रिपोर्ट कहती है कि निजी उपभोक्ता की मजबूत स्थिति, सार्वजनिक निवेश, चल रहे आधारभूत सुधार कार्यक्रम का असर अगले साल से दिखना शुरू हो जाएगा।

क्या है और इस रिपोर्ट में?

इस रिपोर्ट में दक्षिण एशिया के पूरे आर्थिक माहौल को स्थिर बताया गया है। साथ ही इस रिपोर्ट में स्थितियों को आने वाली चुनौतियों से निपटने में सक्षम और स्थितियों को अनुकूल बताया गया है। वर्ल्ड इकॉनोमिक सिचुएशन प्रास्पेक्ट्स 2018 नाम से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मैक्रोइकोनामिक नीतियों और निजी उपभोक्ता व्यवस्था अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं।

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सुधार कार्यक्रमों का दिखेगा असर

भारत के बारे में कहा गया है कि अब भारत में हो रहे सुधार कार्यक्रमों का असर दिखेगा और वर्तमान 6.7 से करीब एक फीसदी की बढ़त दो साल के अंदर देखी जा सकती है। वहीं, भारत की चुनौतियों के बारे मे कहा गया है कि भारत में कर्ज देने की प्रक्रिया काफी समस्या है, जबकि राजकोषीय घाटे को लेकर भारत को काम करना होगा। यह भी देखना होगा कि सिर्फ इसका लक्ष्य ही न हासिल हो बल्कि यह भी कि खर्च कहां और कितना किया जा रहा है इस पर भी ध्यान दिया जाय।

दक्षिण एशिया पर ये कहा रिपोर्ट में

दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था के बारे में यूएनडेसा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत है। यह 6.5 की विकास दर से बढ़कर 7 फीसदी तक पहुंच सकती है। वहीं, महंगाई इस क्षेत्र में निचले स्तर पर स्थिर रहने का अनुमान भी रिपोर्ट में है।

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