शारिब जाफरी
लखनऊ: यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार एक्शन में है। सरकार ने भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप में लोक निर्माण विभाग के 550 से ज़्यादा अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी की है। स्क्रीनिंग के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के 273 अफसरों पर जबरन रिटायरमेंट की गाज गिराने जा रही है। अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के अलावा 286 अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्यवाई की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है।
लोक निर्माण विभाग में हुई इस बड़ी कार्रवाई से पूरे महकमे में हड़कंप मचा है। कार्रवाई की आशंका के चलते दागी इंजीनियरों ने अपने-अपने आकाओं के यहां 'परिक्रमा' भी शुरू कर दी है।
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स्क्रीनिंग के बाद लिया फैसला
यूपी सरकार ने स्क्रीनिंग के बाद लोक निर्माण विभाग के 550 अफसरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का फैसला लिया है। पीडब्लूडी के 392 अधिशासी अभियंताओं की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से तीन पर आरोप सिद्ध होने के बाद तीनों को कम्पलसरी रिटायरमेंट के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसी तरह 351 सहायक अभियंताओं की स्क्रीनिंग में 78 पर आरोप तय किए गए। इन सभी को कम्पलसरी रिटायरमेंट के लिए नोटिस जारी किया गया है। 151 अवर अभियंता सिविल की स्क्रीनिंग में 116 अभियंता दोषी पाए गए हैं। इन सभी को रिटायरमेंट के लिए नोटिस जारी किया गया है।
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लगा रहे आकाओं के चक्कर
लोक निर्माण विभाग ने 89 अवर अभियन्ता यांत्रिक की स्क्रीनिंग में 71 पर आरोप तय किए गए हैं। इनमें से 55 की सेवा समाप्त कर दी गई है, जबकि 16 को बर्खास्त किया गया है। लोक निर्माण विभाग में इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तैयारी ने विभाग में हड़कंप मचा दिया है। शासन को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजे जाने की भनक लगते ही कई दागी इंजीनियरों ने खुद को बचाने के लिए लामबंदी भी शुरू कर दी है और अपने आकाओं के यहां चक्कर लगा रहे हैं।