लखनऊ: योगी सरकार ने 50 साल की उम्र पार करने वाले भ्रष्ट और कामचोर कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवानिवृत्ति देने जा रही है। मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता की तैयार की गयी सूची के तहत पिछले दिनों 3 पीसीएस अधिकारीयों के नाम का प्रस्ताव सीएम के पास भेजा गया है । हालाँकि अभी इस पर निर्णय होना बाकि है। इससे पहले 12 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी है। अब सरकार की नजर भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों पर है जो 50 की उम्र पार कर चुके है और कामचोरी चढ़ कर बोल रही है। सरकार उनपर शिकंजा कसने के लिए स्क्रीनिंग करेगी। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने 15 सितम्बर तक यह काम पूरा करने का निर्देश दिया है। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अंतर्गत आईएएस और पीसीएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग होनी है।
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50 साल की उम्र पार कर चुके भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। इस कमेटी में दूसरे राज्यों के आईएएस समेत चार आईएएस अधिकारी होंगे। सूत्रों की माने तो राजीव कुमार ने मध्य प्रदेश और उत्तराखंड कैडर के आईएएस को इस कमेटी में नामित करने का प्रस्ताव भी भेज दिया है।
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ऐसा पहली बार नहीं है जब ऐसे कमेटी योगी सरकार ही में बनी है । इससे पहले भी 2015 में भी यह कमेटी बन चुकी है लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। दो साल पहले बनी कमेटी में जिन 50 भ्रष्ट अधिकारीयों की जांच हुई थी उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। जिनकी जांच अब 2018 से पहले नहीं हो सकती। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इस बात की भी चुनौती है कि सूबे के 50 अधिकारियों जिनके खिलाफ जांच तो हुई लेकिन उन्हें क्लीन चिट मिल गयी उन पर कैसे शिकंजा कसेंगे। साथ ही इन दो साल में इनके अलावा जो अधिकारी भ्रष्ट अधिकारी की श्रेणी में है उन पर कैसे लगाम लगायेंगें।
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