UP: 'अपनों' के दाग धोने के लिए तो वापस नहीं हो रहे 20 हजार मुकदमे!

Update: 2017-12-22 07:06 GMT
UP: 'अपनों' के दाग धोने के लिए तो वापस नहीं हो रहे 20 हजार मुकदमे!

लखनऊ: सभी दलों के ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए खुशखबरी है, जिन पर धरना, प्रदर्शन या आंदोलन को लेकर मुकदमे दर्ज हुए हैं। योगी सरकार जल्द ही नेताओं और जन प्रतिनिधियों पर दर्ज वैसे मुकदमों को वापस लेने की तैयारी कर रही है, जो उनपर आंदोलन और धरना-प्रदर्शन के दौरान किए गए थे। नए साल में ये सरकार का तोहफा होगा।

इसके अलावा 25 दिसंबर को 93 ऐसे कैदियों को भी रिहा किया जाएगा, जो अपनी सजा की मुराद पूरी कर चुके हैं लेकिन जुर्माना अदा नहीं कर पाने के कारण अभी तक जेल में हैं। देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई 25 दिसंबर को 93 साल के हो रहे हैं। इसलिए इतने ही कैदियों को रिहा किया जा रहा है।

20 हजार लोगों की सूची तैयार

यूपी सरकार ने करीब 20 हजार ऐसे लोगों की सूची तैयार की है, जिन पर राजनैतिक चरित्र के मुकदमे वर्षों से दर्ज हैं और उन्हें बेवजह अदालतों के चक्कर काटने पड़ते हैं। ऐसे मामलों को हटाने के संकेत योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र के दौरान यूपीकोका बिल पर गुरुवार को बहस के दौरान दिए थे। उम्मीद है कि अगले सत्र में योगी सरकार तकरीबन 20 हजार लोगों पर दर्ज राजनीति मुकदमों को वापस ले सकती है। प्रशासनिक स्तर पर इस प्रस्ताव की तैयारी भी पूरी की जा चुकी है।

सरकार का दावा- सभी दलों के लोग शामिल

विपक्ष इसका विरोध कर रहा है लेकिन सरकार का कहना है कि ऐसे 20 हजार लोगों में सभी दलों के लोग शामिल हैं, जिन पर किसी ना किसी धरना-प्रदर्शन या आंदोलनों के वक्त के मुकदमे हैं। मुकदमे जारी रहने से उन्हें कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

'अपनों' के दाग धोने की तैयारी तो नहीं

सरकार का मानना है कि 20 हजार लोगों को राहत देने से राजनीति में स्वच्छता आएगी, क्योंकि हटाए जाने वाले दर्ज मुकदमे सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक होंगे। गंभीर और आपराधिक केस के मुकदमे नहीं हटाए जाएंगे। हालांकि, विपक्ष के मुताबिक इसकी आड़ में योगी सरकार अपने उन कार्यकर्ताओं और नेताओं के मुकदमे वापस लेगी, जिनकी वजह से कानून व्यवस्था खराब होती रही है। विपक्ष का आरोप है कि इसमें विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर से मुकदमें वापस नहीं लिए जाऐंगे।

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