हैदराबाद: केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) पर देशव्यापी बहस का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार इसे थोपने नहीं जा रही है। इस मुद्दे पर व्यापक सहमति बनेगी तभी अपना कदम आगे बढ़ाएगी।
गौरतलब है कि इसी सप्ताह एक इंटरव्यू में वेंकैया ने कहा था, कि 'निश्चित रूप से समान नागरिक संहिता की जरूरत है। संविधान तैयार करने वालों ने इसकी वकालत की थी और इसे निदेशक सिद्धांत में इस उम्मीद के साथ रखा था कि सही वक्त आने पर देश समान नागरिक संहिता की तरफ कदम बढ़ाएगा।'
ये कहा वेंकैया नायडू ने :
-वेंकैया नायडू ने कहा, कि शादी, तलाक और संपत्ति पर अधिकार जैसे मुद्दे सामान होने चाहिए।
-पूजा-उपासना के तरीके जैसे अन्य मुद्दों को निजी इच्छा पर छोड़ा जाना चाहिए।
-हर धर्म में बेहतर क्या है हर समुदाय में उसे अपनाया जाए।
-शादी, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति पर अधिकार समान होनी चाहिए।
-पूजा और अन्य परंपराएं किस तरह निभाई जाएं ये अन्य मुद्दे हैं।
-इन बातों को निजी इच्छा पर छोड़ा जाए।
-समान नागरिक संहिता में कुछ भी किसी धर्म के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, 'जागरूकता फैल रही है। जब तक सहमति नहीं उभरती है तब तक हम इसे थोपने नहीं जा रहे हैं। देश अब इसका इंतजार कर रहा है। लेकिन जैसा कि मैं आपको कह चुका हूं कि जब व्यापक सहमति बनेगी हम तभी कदम बढ़ाएंगे। फिर भी हम इसके प्रति प्रतिबद्ध हैं।'