लखनऊ: देश भर में छठ व्रत को करने वाली महिलाओं ने छठी मइया को ऊषा अर्घ्य या भोरवा घाट या फिर बिहनिया अर्घ्य आज सुबह किसी घाट, तालाब या फिर नदी किनारे दिया। ये छठ पूजा का दूसरा और आखिरी अर्घ्य है। इसके साथ साल 2018 के छठ पर्व का समापन हो गया।
महिलायें इस अर्घ्य के बाद छठी मइया के लिए बनाए गए खास ठेकुए और प्रसाद को लोगों में वितरित किया। छठ पर्व के आखिरी दिन भक्त प्रसिद्ध छठी मइया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंचे। इसी क्रम में आज राजधानी लखनऊ में भी छठ पर्व पर बड़े ही धूमधाम के साथ महिलाओं ने घाट पर एकत्रित होकर दूसरे अर्घ्य को देकर इस वर्ष छठी मईया को विदा किया।
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बता देंं कि सोमवार की शाम को खरना पूजा के साथ ही छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया था। मंगलवार को शाम का अर्घ्य व आज सुबह के अर्घ्य के बाद व्रती महिलाएं पारण करेंगी। विद्वानों के अनुसार मनोवांछित फल पाने के लिए श्रद्धालु भगवान सूर्य को अर्घ्य देतक हैं।
इससे पहले सुबह से खरना की तैयारी में जुटे छठव्रतियों ने मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर गुड़ से बनी खीर और घी लगी सोहारी तैयार कर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना कर ग्रहण किया। सुख-समृद्धि की कामना की। खरना के बाद आसपास के लोगों ने भी व्रतियों के घर पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया था।
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