नई दिल्ली: हाल में ही सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस यानि सीएसओ द्वारा जारी आंकड़ों में विकास दर का अनुमान घटने को लेकर विपक्षियों के निशाने पर रही मोदी सरकार को वर्ल्ड बैंक के ताजा बयान से राहत मिली है। वर्ल्ड बैंक ने कहा है, कि इस सरकार में हो रहे व्यापक सुधार के प्रयासों के कारण भारत में दुनिया की दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में विकास की क्षमता कहीं अधिक है।
वर्ल्ड बैंक ने बुधवार (10 जनवरी) को साल 2018 के लिए भारत की विकास दर के 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। विश्व बैंक अनुमान के अनुसार, भारत अगले दो सालों में 7.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकता है। विश्व बैंक ने '2018 ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पेक्ट' भी जारी किया है।
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अगला दशक भारत का
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, विश्व बैंक से जुड़े आइहन कोसे ने कहा, कि 'अगले दशक में भारत दुनिया की दूसरी किसी भी उभरती अर्थव्यवस्था की तुलना में उच्च विकास दर हासिल करने जा रहा है।' बोले, 'उनका फोकस शॉर्ट टर्म आंकड़ों पर नहीं है। भारत की बनती जा रही बड़ी तस्वीर बता रही है कि इसमें विशाल क्षमता है।'
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निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने वाले कदम उठाने होंगे
आइहन कोसे ने आगे कहा, कि 'भारत को अपनी क्षमताओं का सही इस्तेमाल करने के लिए निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने वाले कदम उठाने होंगे।' उनके मुताबिक लेबर मार्केट रिफॉर्म, स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार तथा निवेश के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर करने से भारत की संभावनाएं और बेहतर होंगी। कोसे ने एक खास बात ये कही, कि 'भारत के जनसांख्यिकी प्रोफाइल बेहतर है दूसरी अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा कम ही देखने को मिलता है।
बढ़े महिला श्रम की हिस्सेदारी
हालांकि, कोसे ने अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में महिला श्रम की हिस्सेदारी कम होने की बात कही है। उन्होंने कहा, कि 'महिला श्रम की हिस्सेदारी बढ़ाकर काफी बड़ा फर्क पैदा किया जा सकता है।'
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