Bhagavad Gita Quotes: जो व्यवहार आपको दूसरो से पसन्द ना हो ऐसा व्यवहार आप दूसरो के साथ भी ना करे

Bhagavad Gita Quotes: भगवत गीता में श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए संवाद को लिपिबद्ध किया गया है ऐसे में आइये जानते हैं मनुष्य के लिए भगवान का क्या सन्देश है।

Newstrack :  Network
Update:2024-06-25 10:37 IST

Bhagavad Gita Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagavad Gita Quotes: कई हज़ार साल पहले उत्तर-मध्य भारत में, महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन कई सवालों के साथ खड़े थे उनकी दुविधा का हल करते हुए भगवान् श्री कृष्ण ने उन्हें गीता का ज्ञान दिया। इसी को भगवत गीता में लिपिबद्ध किया गया है। आइये एक नज़र डालते हैं भगवत गीता के कोट्स पर।

अर्जुन ने योग के गुरु कृष्ण से पूछा कि इस क्षण में उनका दृष्टिकोण क्या होना चाहिए। और सबसे ऊपर उन्हें इस समय क्या करना चाहिए? भगवान् श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए संवाद सार ही गीता। गीता में मनुष्य की हर कठिनाई का हल है और हर सवाल का जवाब भी है। आइये जानते हैं भगवत गीता में श्री कृष्ण अर्जुन से क्या कहते हैं।

अच्छी नीयत से किया गया काम

कभी व्यर्थ नहीं जाता, और उसका फल

आपको ज़रूर मिलता है।

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए

प्रसन्नता न इस लोक में है और न ही परलोक में।

गीता में कहा गया है कोई भी

अपने कर्म से भाग नहीं सकता

कर्म का फल तो भुगतना ही पड़ता है।

आत्मा न तो जन्म लेती है

और न ही मरती है,

आत्मा अमर है।

हर व्यक्ति का विश्वास

उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।

जो व्यवहार आपको दूसरो से पसन्द ना हो

ऐसा व्यवहार आप दूसरो के साथ भी ना करे

शिक्षा और ज्ञान उसी को मिलता है,

जिसमें जिज्ञासा होती है।

मोह उसी का करो जिस पर आपका अधिकार है,

जिस पर आपका अधिकार ही नहीं है,

उसका मोह भी नहीं करना चाहिए।

परिवर्तन ही इस सम्पूर्ण संसार का नियम है।

इसलिए व्यक्ति को कभी अपने वर्तमान पर घमंड नहीं करना चाहिए।

जो कर्म को फल के लिए करता है,

वास्तव में ना उसे फल मिलता है, ना ही वो कर्म है।

मौन सबसे अच्छा उत्तर है किसी ऐसे व्यक्ति के लिए,

जो आपके शब्दों को महत्व नही देता है।

जो दान बिना सत्कार के कुपात्र को दिया जाता है

वह तमस दान कहलाता है।

गीता में कहा गया है जो इंसान किसी की कमी को पूरी करता है

वो सही अर्थों में महान होता है..!

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो,

फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

जीवन ना तो भविष्य में है ना अतीत में,

जीवन तो इस क्षण में है।

गीता में लिखा है

जब इंसान की जरूरत बदल जाती है

तब इंसान के बात करने का तरीका

बदल जाता है।

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग

केवल आपकी बुराइयाँ ही याद

रखेंगे इसलिए लोग क्या कहते हैं

इस पर ध्यान मत दो तुम अपना

कर्म करते रहो।

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना,

व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है।

हमारी इच्छाएं ही मूल कारण हैं,

हमारा पृथ्वी पर वापिस आने का

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