Bhagwat Geeta Quotes: श्री कृष्ण कहते हैं जीवन के हर पल को जीने का सौभाग्य प्राप्त करो
Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन को जीवन का सही सार समझाया है जिसे जो मनुष्य समझ लेता है उसके सभी परेशानियों से भी मुक्ति मिल जाती है।
Report : Shweta Srivastava
Update:2024-08-13 06:00 IST
Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में बताया गया है कि व्यक्ति को सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना और फल की इच्छा नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि फल तो ईश्वर आपके कर्मों के अनुरूप आपको देंगें। भगवान् श्री कृष्ण द्वारा बताई गयी ये सभी बातें आज भी मनुष्यों के जीवन में बेहद उपयोगी है। इसलिए अपने जीवन को प्रत्येक मनुष्य को ऐसा बनाना चाहिए जिसमे अहंकार, स्वार्थ, लोभ, ईर्ष्या, कुटिलता ये सभी बुराइयां शामिल न हो। आइये ऐसी ही और बातों को समझने का प्रयास करते हैं इन भगवत गीता कोट्स के माध्यम से।
भगवत गीता कोट्स (Bhagwat Geeta Quotes)
- जो व्यवहार आपको दूसरों से अपने लिए पसंद ना हो, ऐसा व्यवहार दूसरों के साथ नहीं करना चाहिए।
- हे पार्थ, तुम फल की चिंता मत करो, अपना कर्म करते रहो।
- जो होने वाला हैं वो होकर ही रहता है, और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता।
- व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को वश में रखने के लिए बुद्धि और मन को नियंत्रित रखना चाहिए।
- इस दुनिया में कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है इसलिए लोगों की अच्छाइयों को देखकर उनके साथ अच्छा व्यवहार बनाए
- निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की के विचार बदल जाते हैं।
- प्रत्येक बुद्धिमान व्यक्ति को क्रोध और लोभ त्याग देना चाहिए।
- सही कर्म वह नहीं है जिसके परिणाम हमेशा सही हो बल्कि सही कर्म वह है जिसका उद्देश्य कभी भी गलत ना हो।
- कोई भी इंसान अपने जन्म से नहीं, बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।
- आपके कर्मों का परिणाम आपके स्वाधर्म में ही मिलेगा।
- आपके कर्म ही आपकी पहचान होते हैं।
- दुःख में भी आत्मा को न सम्पल न सम्पृक्त करो, सुख में भी न सम्पल न सम्पृक्त करो।
- किसी के प्रति आत्मनिवेदन करो, वही वास्तविक धर्म है।
- अपने कर्मों को योग के रूप में करो और उनका आनंद लो।
- कर्म में लिपटे रहो, लेकिन फल की आकांक्षा न करो।
- अपने मन को शांति में रखो और चिंता को दूर भगाओ।
- जीवन के हर पल को जीने का सौभाग्य प्राप्त करो।
- जो आपको बदल नहीं सकता, वह केवल आपके कर्म हैं।
- आपके मन को संयमित रखो और अपने इंद्रियों का नियंत्रण करो।
- अपने आप को अपने कर्म से मत जोड़ो, यह आपके कर्म की महत्वपूर्ण भूल है।
- किसी के प्रति प्यार और दया दिखाओ, यह आत्मा के उन्नति का मार्ग है।
- आपके मन को शांति में रखो और अपने आत्मा की गहराईयों को जानो।
- दूसरों के दुखों को समझने की कोशिश करो और सहानुभूति दिखाओ।
- आपके मन को शांति में रखो और अपने आत्मा की गहराईयों को जानो।
- समस्याओं को निरंतर अवसर में देखो और सीखो।
- जो कुछ भी आपका है, वह ईश्वर का आपको उपहार है।