Bhagwat Geeta Quotes: श्री कृष्ण कहते हैं यह शरीर नाशवान है तुम्हे इससे मोह नहीं करना चाहिए

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में मनुष्यों को भगवान् श्री कृष्ण ने क्या बताया है और उनके द्वारा मार्ग पर चलकर व्यक्ति किस तरह सफलता प्राप्त कर सकता है आइये जानते हैं।

Update:2024-07-31 15:44 IST

Bhagwat Geeta Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता मनुष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है जिसमे कई ज्ञान की बातें मौजूद हैं। मनुष्य के अंदर की सभी आदतों को ये समाप्त करने का प्रयास करता है जिससे व्यक्ति सत्मार्ग पर चलकर जीवन में आगे बढ़ना शुरू कर सके। लोभ, स्वार्थ, अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष ये सभी ऐसे भावनाएं हैं जिन्हे हम सब जानते हैं कि हमारे अंदर नहीं होनी चाहिए लेकिन इन्हे खुद से दूर रख पाना सभी के लिए संभव नहीं होता है। आइये भगवान् श्री कृष्ण द्वारा बताए मार्ग पर चलते हुए इन सभी भावनाओं को खुद से दूर करने का प्रयास करें।

भगवत गीता कोट्स (Bhagwat Geeta Quotes)

  • यह शरीर नाशवान है इससे मोह क्या करना।
  • तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो।
  • गीता हृदय भगवान का सब ज्ञान का शुभ सार है।  इस शुद्ध गीता ज्ञान से ही चल रहा संसार है।
  • गीता परमविद्या सनातन सर्व शास्त्र प्रधान है। यह ब्रह्म रूपी मोक्षकारी नित्य गीता-ज्ञान है।
  • यह मोह माया कष्टमय, तरना जिसे संसार हो। वह बैठ गीता नाव में सुख से सहज में पार हो॥
  • संसार के सब ज्ञान का यह ज्ञानमय भंडार है। श्रुति, उपनिषद, वेदान्त-ग्रन्थों का परम शुभ सार है ॥
  • गाते जहां जन नित्य हरिगीता निरन्तर नेम से। रहते वहां सुख-कन्द नटवर नन्द-नन्दन प्रेम से ॥
  • गाते जहां जन गीता-गीता प्रेम से धर ध्यान हैं। तीरथ वहीं भव के सभी शुभ शुद्ध और महान हैं॥
  • धरते हुए जो ध्यान, गीत-ज्ञान का तन छोड़ते। लेने उसे माधव मुरारी आप ही उठ दौड़ते ॥
  • सुनते-सुनाते नित्य जो लाते इसे व्यवहार में। पाते परम-पद ठोकरें खाते नहीं संसार में॥
  • पारस रूप विशेष लोह बने सोना हुए। गीता-ज्ञान ‘दिनेश’, संसृति सागर सेतु है॥
  • आत्मा अजर – अमर है ये ना तो कभी जन्म लेती है ना कभी मृत्यु होती है। 
  • तुम केवल कर्म करो वही तुम्हारे अधीन है, फल की इच्छा मत रखो।
  • आत्मा को न कोई शस्त्र काट सकता हैं, न आग उसे जला सकती है, न पानी उसे भिगो सकता है, ना उसे कोई पराजित कर सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है।
  • समय और भाग्य इन दोनो पर कभी अहंकार नही करना चाहिए, क्योकि ये दोनो चीज़े परिवर्तनशील है।
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