Bhagwat Geeta Quotes: दो चीजें कभी नहीं करनी चाहिए, पहला झूठे आदमी के साथ प्रेम दूसरा सच्चे इंसान के साथ किसी तरह का छल

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता मनुष्य के लिए बेहद उपयोगी ज्ञान संग्रह है। आइये जानते हैं गीता में कही और श्री कृष्ण द्वारा बताई ज्ञान की अहम् बातें।

Newstrack :  Network
Update:2024-07-18 07:30 IST

Bhagwat Geeta Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagwat Geeta Quotes: गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि किस रास्ते पर चल कर मनुष्य अपने जीवन में सफल हो सकता है और उसे किन चीज़ों से खुद को बचाकर चलने की ज़रूरत है। जीवन में काम, क्रोध, लोभ और मोह के बंधनों को तोड़कर जो मनुष्य आगे बढ़ता है वही सफल हो सकता है। ऐसे ही कई ज़रूरी सबक गीता हमे सीखाती है। आइये एक नज़र डालते हैं भगवत गीता कोट्स पर।

भगवत गीता कोट्स (Bhagwat Geeta Quotes)

  • गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि केवल पैसों से आदमी धनवान नहीं होता है बल्कि असली धनवान वो है जिसके पास अच्छी सोच, मधुर व्यवहार और सुंदर विचार होते हैं।
  • इतना कमजोर मत बनो कि कोई आपको तोड़ सके, बल्कि इतना मजबूत बनो कि आप को तोड़ने वाला खुद ही टूट जाए।
  • श्री कृष्ण कहते हैं कि जिंदगी में दो चीजें कभी नहीं करनी चाहिए, पहला झूठे आदमी के साथ प्रेम दूसरा सच्चे इंसान के साथ किसी तरह का छल।
  • गीता में लिखा है, सिर्फ दिखावे के लिये अच्छा मत बनो, वो परमात्मा आपको बाहर से नहीं बल्कि भीतर से भी जनता है!
  • अगर आप क्रोध के समय थोड़ा सा धैर्य रख ले तो, आप कम से कम सौ दुःख भरे दिनों से बच सकते हैं।
  • गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर है मान लिया तो हार और अगर ठान लिया तो जीत है।
  • गीता के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अच्छे से जाने बिना, दूसरों की बातें सुनकर उसके प्रति कोई धारणा बना लेना मूर्खता है।
  • सुख और दुख का आना-जाना सर्दी और गर्मी की ऋतु के आने जाने के समान है। यह सब इंद्रिय बोध से उत्पन्न होते हैं। मनुष्य को अविचल भाव से इन सब को सहन करना सीखना चाहिए।
  • जो मनुष्य सुख और दुख में विचलित नहीं होता है। दोनों में समभाव रखता है वह मनुष्य निश्चित रूप से मुक्ति के योग्य हैं।
  • भौतिक शरीर का अंत अवश्यंभावी है। इसलिए हे अर्जुन युद्ध करो।
  • आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत तथा पुरातन हैं। शरीर के मारे जाने पर वह मारा नहीं जाता।
  • जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर नए वस्त्र धारण करता है उसी प्रकार आत्मा पुराने शरीर को त्याग कर नवीन भौतिक शरीर धारण करता है।
  • जो विद्वान होते हैं। वे न तो जीवित के लिए शोक करते हैं न हीं मृत के लिए शौक करते हैं।
  • आत्मा को ना तो कोई शस्त्र काट सकता है। न हीं अग्नि द्वारा जलाया जा सकता है, न हीं जल द्वारा भिगोया जा सकता है और ना ही वायु द्वारा सुखाया जा सकता है।
  • जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है और मृत्यु के पश्चात पुनर्जन्म भी निश्चित है इसलिए तुम्हें अपने कर्तव्य पालन में शोक नहीं करना चाहिए।
  • शरीर में रहने वाले का कभी भी वध नहीं किया जा सकता है, इसलिए किसी भी जीव के लिए शोक करने की आवश्यकता नहीं है।
  • धर्म के लिए युद्ध करने से बढ़कर तुम्हारे लिए कोई कर्तव्य नहीं है।
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