Bhagwat Geeta Quotes: श्री कृष्ण कहते हैं व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिन्तन करे

भगवत गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन को जो ज्ञान दिया वो आज भी हर मनुष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं आइये इस अमूल्य ज्ञान को हम भी जानें और समझें।

Newstrack :  Network
Update:2024-07-04 08:10 IST

Bhagwat Geeta Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में बताई गयी बातें मनुष्य के लिए बेहद अमूल्य हैं ये एक ऐसा ज्ञान का संग्रह है जो आपके जीवन के हर मोड़ पर काम आएगा। भगवान् श्री कृष्ण ने महाभारत की रणभूमि में अर्जुन को ज्ञान दिया था जब वो इस दुविधा में थे कि वो युद्ध में अपने परिवारजनों के विरुद्ध ही खड़े हैं ऐसे में वो ये युद्ध कैसे करें। तब श्री कृष्ण ने उन्हें गीता का ज्ञान दिया। आइये जानते हैं भगवत गीता में मनुष्य के लिए कौन सी बातें लिखीं हैं जो आपकी सफलता के लिए और जीवन में आगे बढ़ने में काम आएँगी।

भगवत गीता कोट्स (Bhagwat Geeta Quotes)

  • क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
  • आत्मा को न शस्त्र काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है, न पानी उसे भिगो सकता है,न हवा उसे सुखा सकती है।
  • ध्यान का अर्थ है भीतर से मुस्कुराना और सेवा का अर्थ है इस मुस्कुराहट को औरों तक पँहुचाना।
  • हृदय से जो दिया जा सकता है वो हाथ से नहीं और मौन से जो कहा जा सकता है वो शब्द से नहीं।
  • सुकून संसार की सबसे महँगी वस्तू है,जो केवल आपको प्रभु की भक्ति से ही मिलेगी ।
  • मनुष्य की मानवता उसी समय नस्ट हो जाती है,जब उसे दूसरों के दुख में हसीं आने लगती।
  • अगर भगवान तुम्हें ज्यादा इंतज़ार करवा रहा है तो तैयार रहना,वो उससे कही ज्यादा देने वाले हैं जितना तुमने मांगा था।
  • अगर भगवान तुम्हें ज्यादा इंतज़ार करवा रहा है तो तैयार रहना,वो उससे कही ज्यादा देने वाले हैं जितना तुमने मांगा था।
  • मन को प्रभु के साथ जोड़ दो जहाँ प्रभु जाएं, वहाँ मन जाए और जहाँ मन जाए वहाँ प्रभु साथ रहें ।
  • व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिन्तन करे।
  • जब इंसान अपने काम में आनंद खोज, लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते है।
  • जब तक आपकी सोच और विचार अच्छे नहीं हो जाते, तब तक आपके अच्छे दिन नहीं आते।
  • प्रारब्ध-कर्म को भोगता हुआ जो मनुष्य गीता के अभ्यास में निरत है, वह इस लोक में मुक्त और सुखी होता है तथा कर्म में लिप्त नहीं होता।
  • वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है, वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है।
  • बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।
  • वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।
  • मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय, किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।
  • मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में मुझे कोई नहीं जानता।
  • समय और भाग्य दोनों परिवर्तनशील है इनपर कभी अहंकार नही करना चाहिए।
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