Bharat Ki Pahli Miss World: भारत की पहली मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली सुंदरी Rita Faria Powell, चिकित्सा के क्षेत्र में दिया अपना योगदान

First Miss World From India Rita Faria Powell: क्या आप जानते हैं कि भारत की पहली इस वर्ल्ड कौन हैं और आज वो क्या कर रहीं हैं आइये जानते हैं उनके बारे में विस्तार से।;

Report :  Jyotsna Singh
Update:2025-02-05 13:08 IST

Bharat Ki Pahli Miss World Rita Faria Powell Biography (Image Credit-Social Media)

Bharat Ki Pahli Miss World Rita Faria Powell Biography: भारत की सुंदरियों ने जो अपनी खूबसूरती और बुद्धिमत्ता से पूरी दुनिया में पहचान कायम की है उसकी शुरुआत दरअसल 1966 में मुंबई की रहने वाली बेहद बोल्ड और खूबसूरत महिला रीता फारिया ने की थी। वर्ष 1945 में जन्मी रीता भारतीय और एशियाई मूल की पहली महिला बनीं, जिन्होंने 1966 में मिस वर्ल्ड खिताब जीता। रीता फारिया पॉवेल वो खूबसूरत महिला है, जिसके कारण भारत ने पहली बार मिस वर्ल्ड का खिताब हासिल किया। इतना बड़ा सम्मान पाने के बावजूद भी रीता ने ग्लैमर की दुनिया को छोड़ कर समाज सेवा का रास्ता चुना और बतौर फिजिशियन अपने इस करियर में आगे बढ़ती चली गईं। रीता फारिया एक ऐसी महिला है, जिन्होंने न सिर्फ वैश्विक पटल पर भारत की खूबसूरती का डंका बजवाया। बल्कि चिकित्सा के क्षेत्र में भी इन्होंने अपना अनुकरणीय योगदान दिया है। यूं तो अब तक भारत से कई महिलाएं मिस वर्ल्ड अवॉर्ड बन चुकी हैं, लेकिन इन सबमें रीता फारिया का नाम बेहद खास है। आइए जानते हैं भारत की पहली मिस वर्ल्ड रीता फारिया से जुड़े किस्सों के बारे में -

भारत से अब तक छह महिलाएं मिस वर्ल्ड का खिताब जीत चुकी हैं

  1. रीता फ़ारिया (1966)
  2. ऐश्वर्या राय (1994)
  3. डायना हेडन (1997)
  4. युक्ता मुखी (1999)
  5. प्रियंका चोपड़ा (2000)
  6. मानुषी छिल्लर (2017)

मॉडलिंग से शुरू हुआ था मिस वर्ल्ड तक का सफर

रीता का जीवन कई मायनों में बेहद प्रेरक रहा है। मुंबई में जन्मी फारिया ने मॉडलिंग से शुरुआत के साथ मिस बॉम्बे प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। ​​


इसके बाद उन्होंने 1966 में ईव्स वीकली मिस इंडिया प्रतियोगिता में जीत हासिल की। इसी जीत ने उन्हें मिस वर्ल्ड 1966 में भारत का प्रतिनिधित्व करने के योग्य बना दिया । रीता जहां एक ओर उन्होंने पूरी दुनिया में भारत की खूबसूरती का लोहा मनवाया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने मॉडलिंग या एक्टिंग को अपना करियर नहीं चुना, बल्कि कुछ वक्त मॉडलिंग करने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और बतौर फिजिशियन अपना करियर स्थापित किया।

रीता फारिया का आरंभिक जीवन

रीता फारिया का जन्म साल 1945 में हुआ था। उनका जन्म मुंबई में हुआ था, लेकिन जन्म के कुछ वक्त बाद उनका परिवार गोवा में चला गया। इनके माता-पिता कैथोलिक थे।


पिता जॉन तिविम गांव से थे और उसकी पत्नी एंटोनेट सांता क्रूज़, गोवा से थी । इस दंपति की सबसे बड़ी बेटी फिलोमेना के बाद दूसरी बेटी फारिया थी। परिवार मध्यम वर्ग का था, उसके पिता मिनरल वाटर फैक्ट्री में काम करते थे और उसकी माँ एक ब्यूटी सैलून चलाती थी।

असमान्य लंबाई के चलते ’मम्मी लॉन्ग लेग्स’ उपनाम से लड़के उड़ाते थे मजाक

फारिया,जिनकी लंबाई 5 फीट 8 इंच थी, एक भारतीय लड़की के लिए असामान्य रूप से लंबी थी और स्कूली लड़के उसका मज़ाक उड़ाते थे और उसे ’मम्मी लॉन्ग लेग्स’ उपनाम देते थे। फिर भी फारिया ने अपने लंबे और दुबले शरीर का इस्तेमाल खेलों में अपने फ़ायदे के लिए किया, ’थ्रोबॉल, नेटबॉल और बैडमिंटन से लेकर हर चीज़’ खेली। पहली बार अख़बार की खबरों में हॉकी में हैट्रिक बनाने के लिए फारिया का नाम बोल्ड अक्षरों में छपा था।

51 प्रतिस्पर्धी को हराकर, इस आयोजन में अपने नाम किया था मिस वर्ल्ड का खिताब

17 नवंबर, 1966 को फारिया ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता। मिस वर्ल्ड 1966 प्रतियोगिता के दौरान, उन्होंने साड़ी के साथ ही अन्य कॉस्ट्यूम पहनने के लिए ’बेस्ट इन स्विमसूट’ और ’बेस्ट इन इवनिंग वियर’ जैसे कई उप-शीर्षक पर भी जीत दर्ज की थी। उन्होंने इस प्रतियोगिता के दौरान अन्य देशों के 51 प्रतिस्पर्धी प्रतिनिधियों को हराकर, इस आयोजन में मिस वर्ल्ड 1966 का ताज जीता था।


हालांकि, मिस वर्ल्ड बनने के बाद भी उन्होंने मॉडलिंग को अपना करियर नहीं चुना, बल्कि डॉक्टरी को अपना पेशा चुना।

मॉडलिंग की दुनिया को कहा अलविदा

मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता जीतने के बाद एक साल तक रीता फारिया ने मॉडलिंग की, लेकिन इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया को अलविदा कह दिया और पहले अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने मुंबई स्थित ग्रांट मेडिकल कॉलेज और सर जमशेदजी जीजाबाई ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल से एम बी बी एस में ग्रेजुएशन किया। उसके बाद रीता हाई स्टडीज के लिए लंदन स्थित किंग्स कॉलेज एंड हॉस्पिटल चली गई।

आखिरी बार देखी गईं थी एक कार्यक्रम में

  • मॉडलिंग और इस ग्लैमर की दुनिया से दूरी बनाने के बाद रीता ने 1998 में फेमिना मिस इंडिया में जज की भूमिका निभाई।
  • वह 1976 में लंदन में आयोजित मिस वर्ल्ड फाइनल में डेमिस रूसोस के साथ एक जज के तौर पर आखिरी बार ऐसे कार्यक्रम में उपस्थित रहीं थीं।

एक डॉक्टर से रचाई शादी

साल 1971 में उन्होंने एक डॉक्टर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डेविड पॉवेल के साथ शादी की। अब वह उनके साथ डबलिन, आयरलैंड में रहती हैं।


उनके दो बच्चे डीर्ड्रे और एन मैरी हैं जबकि उनके पांच पोते-पोतियां (पैट्रिक, कॉर्मैक, डेविड, मारिया और जॉनी) हैं।

बेहद प्रेरक था रीता का मिस वर्ल्ड बनने का सफर

रीता फारिया का मिस वर्ल्ड बनने का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा। दरअसल, वह साल 1966 में मिस वर्ल्ड बनी थीं और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला थीं। उन्होंने इस दौरान कई सामाजिक बाधाओं का भी सामना किया, लेकिन बोल्ड स्वभाव की फारिया ने अपने हौसलों की रफ्तार को गति देना जारी रखा। उनकी जीत सिर्फ उनकी सफलता तक ही तक सीमित नहीं थीं, क्योंकि वह भारतीय ही नहीं बल्कि एशियाई मूल की पहली मिस वर्ल्ड बनी थीं। उस वक्त एशिया की किसी महिला के सिर पर पहली बार मिस वर्ल्ड का ताज सुशोभित हुआ था।

क्या है मिस यूनिवर्स क्राउन से जुड़ा इतिहास

मिस यूनिवर्स का क्राउन दुनिया के बड़े ब्यूटी पेजेंट खिताब में से एक है। मिस यूनिवर्स के सर पर सजने वाले क्राउन का इतिहास बहुत ही रोचक है। अब तक करीब 70 सालों के इसके इतिहास में इसका कुल 9 बार रंग रूप परिवर्तित हुआ है।


हर साल इस क्राउन की खूबसूरती पिछली बार के मुकाबले बढ़ती गई। इस क्राउन पर महीन नक्काशी के साथ इसमें लगे हीरों की रंगत और खूबसूरती का आकर्षण में इजाफा हुआ है। आइए जानते हैं मिस यूनिवर्स क्राउन के लंबे इतिहास में इसके बदलाव से जुड़े तथ्यों के बारे में-

1952 में हुए पहली मिस यूनिवर्स ब्यूटी पेजेंट ने पहना था रोमानोव इम्पीरियल नुपटिल क्राउन

रोमानोव इम्पीरियल नुपटिल क्राउन को 1952 में हुए पहली मिस यूनिवर्स ब्यूटी पेजेंट बनी कॉन्टेस्ट को पहनाया गया था, जिनका नाम आर्मी कुशेला था। इससे पहले इस क्राउन के मालिक रशियन राजा हुआ करते थे और इस क्राउन को 1,535 हीरों के साथ तैयार किया गया था। मॉडल रहीं आर्मी कुशेला ने फिनलैंड की तरफ से इस कॉम्पिटिशन में भाग लिया था। उन्हें पहली बार मिस यूनिवर्स का क्राउन पहनने का सौभाग्य मिला।

1953 में मिस यूनिवर्स ने पहना था मेटल ब्रोज क्राउन

साल 1953 में फ्रांस की रहने वाली क्रिस्टिना मार्टेल ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था। तब उन्हें मेटल ब्रोंज क्राउन पहनाया गया,ब्रोंज का बना होने के कारण यह क्राउन बेहद अनोखा था। इस खूबसूरत क्राउन में खूब सारे क्रिस्टल जड़े गए थे। बता दें कि एक मार्टेल मात्र ऐसी मिस यूनिवर्स थीं, जिन्होंने इस खूबसूरत क्राउन को पहनने का अवसर हासिल किया था।

एकमात्र मिस यूनिवर्स खिताब धारक थीं स्टार ऑफ यूनिवर्स क्राउन पहनने वाली विनर

जब फ्रांस की क्रिस्टियन मार्टेल 1953 में मिस यूनिवर्स बनीं, तो विवाह के मुकुट की जगह धातु के कांस्य मुकुट ने ले ली। वह इस मुकुट को पहनने वाली एकमात्र मिस यूनिवर्स खिताब धारक थीं। 1954 से 1960 तक, “द स्टार ऑफ़ द यूनिवर्स“ का इस्तेमाल किया गया। मुकुट के शीर्ष पर स्टार के आकार के कारण इसे यह नाम दिया गया था। जिसे मात्र तीन मिस यूनिवर्स पेजेंट द्वारा पहना गया। इस क्राउन के सबसे ऊपर एक स्टार बना हुआ था, जो देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगता था।


स्टार ऑफ यूनिवर्स के इस क्राउन को बनाने के लिए काले मोती, प्लैटिनम और गोल्ड का इस्तेमाल किया गया था। वजन की बात करें तो यह क्राउन करीब 1.25 पाउंड का था, वहीं यह सबसे महंगे क्राउन में से एक था। इस क्राउन की कीमत 500,000 डॉलर के आसपास थी।

प्रतियोगिता के 10 साल पूरा होने पर खास डिजाइन किया गया था रेहिन स्टोन क्राउन-

इस साल मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता ने अपने 10 साल पूरे किए थे, जिस कारण इस क्राउन को और भी खास माना जाता है। इस खूबसूरत ताज का इस्तेमाल 1961 में किया गया था। इस क्राउन को जर्मनी की रहने वाली मार्लेन श्मिट और अर्जेंटीना की नोरमा नोलन ने प्रतिभागिता की विनर बनने पर पहना था।

33 सालों तक हर ब्यूटी पेजेंट द्वारा पहना गया है द कोवेंट्री क्राउन-

इस खूबसूरत क्राउन का इस्तेमाल 1963 से लेकर 2001 तक किया गया, जिसे कई देशों की ब्यूटी पेजेंट ने पहना था। भारत की जानी मानी एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने भी साल 1994 और लारा दत्ता ने साल 2001 में इस क्राउन को पहना था। यह क्राउन सबसे लंबे समय तक प्रतियोगिता के लिए इस्तेमाल किया गया। इस क्रउन को लेडी क्राउन भी कहा जाता है। ब्राजील की रहने वाली इस्दा मारिया वर्गास ने इस क्राउन को पहली बार अपने नाम किया था। वहीं 33 सालों तक ये क्राउन हर ब्यूटी पेजेंट द्वारा पहना गया।

500 हीरों और 120 से ज्यादा अकोया मोतियों से सजा है ये क्राउन

मिकीमोटो क्राउन को 2002 से 2007 और 2017 से 2018 में ब्यूटी पेजेंट द्वारा पहना गया था।साल 2002 में मिकीमोटो पर्ल कंपनी ने मिस यूनिवर्स के इस खास क्राउन को स्पॉन्सर किया था। बता दें कि तब तक मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता को 50 साल बीत चुके थे। इस क्राउन को तोमोहिरो यमाजी ने डिजाइन किया था।


क्राउन पर एक फिनिक्स बनी हुई था, जो ग्रीक की एक प्राचीन चिड़िया है। इस क्राउन में 500 हीरों का इस्तेमाल किया गया था, वहीं 120 से ज्यादा अकोया मोतियों भी क्राउन में गया था।

मोतियों और जवाहरों से सजाया गया है सिआओ क्राउन

सिआओ क्राउन क्राउन की कीमत करीब 120,000 डॉलर थी।साल 2008 में इस क्राउन का इस्तेमाल किया गया था। जिसमें 555 वाइट डायमंड को सेट किया गया था, वहीं कई और प्रकार के मोतियों और जवाहरों से इस क्राउन को सजाया गया था।

एक ईको फ्रेंडली डायमंड नेएक्स क्राउन

यह एक ईको फ्रेंडली क्राउन था, जिस वजह से इसकी और भी चर्चा की गई। इस क्राउन को बनाने के लिए गोल्ड, प्लैटिनम और हीरों का इस्तेमाल किया गया था।इस क्राउन को साल 2009 से 2013 के बीच ब्यूटी पेजेंट द्वारा पहना गया था।

5 बड़े टोपाज के पत्थरों से सजा है डिआइसी क्राउन

डिआइसी क्राउन में 5 बड़े टोपाज के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, इसके अलावा कई खूबसूरत क्रिस्टल इस क्राउन में जड़े गए हैं।


इस क्राउन को डायमंड इंटरनेशनल कॉरपोरेशन द्वारा प्रोड्यूस की गया था। यह अब तक का सबसे खास क्राउन माना जाता है। इस क्राउन का इस्तेमाल 2014 से 2016 के बीच किया गया।

साल 2021 में भारत की हरनाज सांधु ने पहना था इसमोउवाद क्राउन

इस क्राउन को साल 2019 में डिजाइन किया गया था। इस क्राउन की कीमत करीब 5 मिलियन यूएस डॉलर की है, भारतीय करेंसी के अनुसार यह ताज करीब 37 करोड़ का है। इस ताज में 1770 हीरे जड़े गए हैं, वहीं इस ताज में तरह-तरह की पत्तियों, पंखुड़ियों और लताओं की डिजाइन से सजाया गया है। यह क्राउन हर मिस यूनिवर्स ताज की तरह बहूत खूबसूरत है। साल 2019 से अभी तक इस क्राउन को ही ब्यूटी पेजेंट के सर पर सजाया जाता है।साल 2019 में इसे साउथ अफ्रीका की मिस यूनिवर्स जोजिबिनी तुंजी, साल 2020 में मेक्सिको की एंड्रिया मेजा और साल 2021 में इस क्राउन को हरनाज सांधु ने पहना है।

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