Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी न करें इन चार लोगों का अपमान, दुर्भाग्य को दे देंगें न्यौता

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने बताया है कि आपको अपने जीवन में कभी भी इन चार लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए ऐसा करने से आप अपने ही भाग्य को खराब करते हैं और पाप के भागीदार होते हैं।

Newstrack :  Network
Update:2024-07-02 11:04 IST

Chanakya Niti (Image Credit-Social Media)

Chanakya Niti: चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को लोगों की पहचान करना सिखाया है वहीँ उन्होंने ये भी बताया है कि आपको किन बातों जीवन में हमेशा ध्यान रखना चाहिए साथ ही कुछ लोगों का अपमान आपको भूलकर भी जीवन में नहीं करना चाहिए। अक्सर हमारा गुस्सा ही हमारा शत्रु बन जाता है जिसके चलते हम आवेगवश किसी का भी अपमान कर जाते हैं। लेकिन कभी कभी ये गुस्सा हमारे लिए ही नुकसानदायक हो सकता है।

कई लोग अहंकार में इस कदर चूर होते हैं कि उन्हें किसी के मान सम्मान की चिंता ही नहीं होती और ऐसा करना वो अपनी शान समझते हैं। उन्हें लगता है कि उन्होंने किसी को मज़ा चखा दिया है लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि ईश्वर प्रत्येक चीज़ का लेखा जोखा रखता है और उसकी सजा भी देता है। आज आप किसी का अपमान करके अगर खुश हो रहे हैं तो कल इसकी भरपाई भी आप से ही होगी। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपको यूँ तो कभी भी किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए और सभी का सम्मान करना चाहिए। लेकिन आपके जीवन में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनका स्थान आपके जीवन में बेहद महतवपूर्ण होता है और उनका अपमान आपको नहीं करना चाहिए। उन्होंने ऐसे चार लोगों के बारे में चाणक्य नीति में लिखा है तो आइये जानते हैं जीवन में आपको कभी किन लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए।

माता

आपको कभी भी अपने जीवन में अपनी माँ या किसी की भी माता का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप पाप के भागीदार बन जाते हैं और आपके दुर्दिन शुरू हो जाते हैं तो ऐसे में आपको कभी भी किसी माँ का अपमान नहीं करना चाहिए।

पिता

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपको कभी भी अपने पिता या किसी के भी पिता का भी अपमान नहीं करना चाहिए और अगर ऐसा गलती से हो जाता है तो आपको उनसे तुरंत माफ़ी मांग लेनी चाहिए। इससे आपका पाप थोड़ा कम हो जाता है।

गुरु

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपको कभी भी अपने गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति आपका भविष्य बानने और संवारने की कोशिश कर रहा है उसका अपमान करना खुद को पाप का भागीदार बनाने के समान है।

ब्राह्मण

चाणक्य कहते हैं कि आपको किसी ब्राह्मण का राह चलते या अगर वो आपके घर पर आएं तो भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए। बल्कि आपको आगे बढ़कर उनकी मदद करनी चाहिए।

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