Chanakya Niti Quotes: चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में इन बातों का रखें ध्यान, कभी नहीं होंगे असफल

Chanakya Niti Quotes: हमने हमेशा से चाणक्य नीति के बारे में सुना है जो अपनी चतुरता और समझदारी के लिए जानी जाती है। चाणक्य ने अपने नीति ग्रन्थ में कई बातों को बताया है जिसमे कई सारी ज्ञान की बातें भी हैं।

Update:2023-05-19 13:07 IST
Chanakya Niti Quotes(Image Credit-Social Media)

Chanakya Niti Quotes: हमने हमेशा से चाणक्य नीति के बारे में सुना है जो अपनी चतुरता और समझदारी के लिए जानी जाती है। चाणक्य ने अपने नीति ग्रन्थ में कई बातों को बताया है जिसमे कई सारी ज्ञान की बातें भी हैं। जिन्हे अगर आप अपने जीवन में आत्मसात कर लेते हैं तो ये आपके लिए काफी उपयोगी हो सकता है।

बेस्ट चाणक्य नीति कोट्स

आज हम आपके लिए कुछ बेहतरीन चाणक्य नीति श्लोक लेकर आये हैं जो आपके जीवन में आपका मार्ग दर्शन करेंगे साथ ही कई बातों को समझायेंगे।

जो निश्चित को छोड़कर अनिश्चित का सहारा लेता है,
उसका निश्चित भी नष्ट हो जाता है। अनिश्चित तो स्वयं नष्ट होता ही है।

जिस सागर को हम इतना गम्भीर समझते हैं, प्रलय आने पर वह भी अपनी मर्यादा भूल जाता है और किनारों को तोड़कर जल-थल एक कर देता है; परन्तु साधु अथवा श्रेठ व्यक्ति संकटों का पहाड़ टूटने पर भी श्रेठ मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करता।

तीनों लोकों के पालन करने वाले सर्वशक्तिमान विष्णु को सिर से प्रणाम करके अनेक शास्त्रों में से निकालकर राजनीती समुच्य नामक ग्रन्थ को कहता हूँ।

जो व्यक्ति इसको विधिवत पढ़कर धर्मशास्त्र में प्रसिद्ध शुभ कार्य और अशुभ कार्य को जानता है वह अति उत्तम माना जाता है।

निर्बुद्धि शिष्य को पढ़ाने से, दुष्ट स्त्री के पोषण से और दुःखियों के साथ व्यवहार करने से पंडित भी दुःख पाता है।

दुष्ट पत्नी, मुर्ख मित्र, उत्तर देने वाला दास और सांप वाले घर में वास ये मृत्यु स्वरूप ही है, इसमें कोई संशय नहीं है।

जिस देश में न आदर, न जीविका, न बन्धु, न विद्या का लाभ है वहां वास नहीं करना चाहिए।

आतुर होने पर, दुःख प्राप्त होने पर, काल पड़ने पर, शत्रुओं से संकट आने पर,
राजा के समीप और शमशान पर जो साथ रहता है वही बन्धु है।

सब पर्वतों पर मणि नहीं मिलती, मोती प्रत्येक हाथी पर नहीं मिलता, साधू सभी स्थानों पर नहीं मिलते और सभी वन में चन्दन नहीं होता।

बुद्धिमान व्यक्ति अपने पुत्र को विभिन्न प्रकार की सुशीलता में लगाए, ताकि निति के जानने वाले यदि शीलवान होंगे तो अपने कुल का नाम प्रसिद्ध करेंगे।

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