Gold Hallmarking: 1 अप्रैल से सोने के गहना खरीदने पर लागू होगा विशेष नियम, जानिए क्या होता है हॉलमार्क!

Gold Hallmarking: 1 अप्रैल,2023 से सोने के गहनों की खरीदारी पर बदलाव कर दिया गया है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला और क्या होता है हॉलमार्क।

Update:2023-03-04 19:00 IST

Gold Hallmarking (Image Credit-Social Media)

Gold Hallmarking: अगर आप भी सोना पहनने और इसकी खरीदारी के शौक़ीन हैं तो ये खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल 1 अप्रैल से सोने के गहनों की खरीदारी पर बदलाव कर दिया गया है। जिसके तहत सोने के आभूषणों और सोने की आर्टअफेक्ट्स की बिक्री छह अंकों के अल्फ़ान्यूमेरिक एचयूआईडी (विशिष्ट पहचान संख्या) के बिना करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यानि अब बिना हॉलमार्क की ज्वेलरी आप नहीं खरीद पाएंगे। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला और क्या होता है हॉलमार्क।

सोना खरीदने के नियम में हुआ बड़ा बदलाब

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि 1 अप्रैल से सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री छह अंकों के अल्फ़ान्यूमेरिक एचयूआईडी (विशिष्ट पहचान संख्या) के बिना करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की गतिविधियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। जिसमे उन्होंने ये बताया कि 1 अप्रैल, 2023 से छह अंकों के कोड के बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

ये निर्णय माइक्रो स्केल इकाइयों में गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है जिसमे बीआईएस प्रमाणन/न्यूनतम अंकन शुल्क एसी पर 80 प्रतिशत रियायत प्रदान करेगा। सोने की बानगी कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाण पत्र है। ये 16 जून, 2021 तक प्रकृति में स्वैच्छिक था। उसके बाद, सरकार ने चरणबद्ध तरीके से गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य करने का निर्णय लिया। पहले चरण में, इसे 256 जिलों में अनिवार्य कर दिया गया था और दूसरे चरण में 32 और जिलों को जोड़ा गया, जिससे कुल संख्या 288 जिलों में हो गई। इसके बाद इसमें 51 और जिलों को जोड़ा जा रहा है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "1 अप्रैल 2023 से, एचयूआईडी के साथ केवल सोने के आभूषणों की बिक्री की अनुमति दी जाएगी।" उपभोक्ता मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा कि "उपभोक्ताओं के हित में, ये निर्णय लिया गया है कि 31 मार्च के बाद, एचयूआईडी के बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और सोने की आर्टअफेक्ट्स की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।" उन्होंने कहा कि वर्तमान में चार अंकों के साथ-साथ छह अंकों के एचयूआईडी का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण पूरे देश में बेचे जा रहे हैं, यहां तक ​​कि उन जिलों में भी जहां उपभोक्ताओं की गुणवत्ता वाले उत्पाद की मांग के कारण ये अनिवार्य नहीं है।

क्या है हॉलमार्क सर्टिफाइड ज्वेलरी

हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर एक छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जिसमें संख्याएँ और अक्षर होते हैं। हॉलमार्किंग के समय प्रत्येक आभूषण को एचयूआईडी दिया जाएगा और ये प्रत्येक आभूषण के लिए यूनिक होता है। एसेइंग एंड हॉलमार्किंग सेंटर (एएचसी) में गहनों पर विशिष्ट संख्या के साथ मैन्युअल रूप से मुहर लगाई जाती है। इस नीटिंग में बताया गया कि," उपभोक्ता सुरक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले घटकों की गंभीरता के आधार पर बीआईएस को उत्पाद परीक्षण और बाजार निगरानी की आवृत्ति बढ़ाने के लिए कहा गया था। बीआईएस ने आने वाले समय में 663 उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) प्रस्तावित किया है। बयान में कहा गया है कि वर्तमान में क्यूसीओ के तहत 462 उत्पाद शामिल हैं।

बयान में ये भी कहा गया है कि , "माइक्रो स्केल इकाइयों में गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयास में, बीआईएस प्रमाणन/न्यूनतम अंकन शुल्क पर बीआईएस की विभिन्न उत्पाद प्रमाणन योजनाओं में 80 प्रतिशत रियायत प्रदान कर रहा है।" इसके अतिरिक्त, पूर्वोत्तर में स्थित इकाइयों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त रियायत मिलती रहेगी। वहीँ गोयल ने कहा, "हम ये भी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भारत में सभी उत्पाद उच्चतम गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं।" उन्होंने कहा कि," ये उपाय सूक्ष्म पैमाने की इकाइयों को बढ़ावा देंगे, परीक्षण के बुनियादी ढांचे को बढ़ाएंगे और नागरिकों के बीच गुणवत्ता जागरूकता की संस्कृति विकसित करेंगे।"

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