इन 7 तरह का होता है कैंसर, जानिए बचाव का तरीका और डॉक्टर की एडवाइस

Update:2018-07-05 18:39 IST

नई दिल्ली : बॉलीवुड ऐक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे ने बताया कि वो हाई ग्रेड कैंसर से पीड़ित हैं। उनसे पहले मनीषा कोइराला और इरफान खान ने कैंसर पीड़ित होने की जानकारी दी थी। इन मामलों के सामने आने के साथ इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि समय की आवश्यकता है कि जीवन के हर स्तर पर समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाएं। साथ ही इस तरह की समस्याओं से बचाव के बारे में अवेयरनेस पैदा करना भी जरूरी है।

देश में कैंसर से करीब 25 लाख लोग पीड़ित हैं और हर साल सात लाख से अधिक नए मामले दर्ज होते हैं। कैंसर के सभी प्रकारों में, पुरुषों में मुंह व फेफड़ों का कैंसर और महिलाओं में गर्भाशय या सर्विक्स व स्तन कैंसर अधिक होता है। देश में होने वाली सभी संबंधित मौतों में लगभग 50 प्रतिशत योगदान कैंसर का है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के कैंसर अनुसंधान की अंतर्राष्ट्रीय संस्था के ग्लोबोकॉन परियोजना की रिपोर्ट में सामने आया है कि साल 2020 तक देश में 12 लाख लोगों की मौत कैंसर के कारण होगी। इसके साथ ही 10 लाख कैंसर मरीज भी सामने आएंगे।

रिपोर्ट में ये बात निकल कर सामने आई कि हमारे देश में कैंसर देर में पता चलता है। जिसके चलते इलाज देर से शुरु होता है और पीड़ित अच्छे इलाज के आभाव में दम तोड़ देता है। भारत में 70 फीसदी से अधिक कैंसर मरीज 30 से 69 साल के होते है।

डाक्टर्स के मुताबिक कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि लोग शराब, सिगरेट, चिकने मसालेदार भोजन की अधिकता से बचें।

इसके साथ ही देर रात जागना, नींद का पूरा न होना, सुस्ती होने पर चाय, कॉफी, लेट नाईट पार्टी से बचना चाहिए।

ब्रिटेन में 2015 में 3.60 लाख कैंसर के नए मामले सामने आए थे, जिनमें से 1.35 लाख मामलों में जीवनशैली में बदलाव कर आसानी से बचा जा सकता था।

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कैंसर होता कैसे है

इंसान के शरीर में पुरानी कोशिकाएं खत्म होती रहती हैं और नई कोशिकाएं जन्म लेती रहती हैं। हमारे शरीर में रैड और व्हाइट दो कोशिकाएं होती हैं। लेकिन कैंसर होने पर ये कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगते हैं।

अब जानते हैं कैंसर के प्रकार

स्किन कैंसर

बॉडी का वो हिस्सा तो सूरज के सीधे संपर्क में होता है जैसे हथेली, उंगलियां, नाखून की त्वचा, पैर का पंजा इनमें त्वचा कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

स्किन कैंसर तीन प्रकार का होता है।

बेसल सेल कार्सिनोमा

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा

मेलानोमा

ब्लड कैंसर

यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

हड्डियों का कैंसर

कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियों का कैंसर हो सकता है।

ब्रेन कैंसर

ब्रेन कैंसर को ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है। ब्रेन कैंसर होने पर सिर दर्द, उल्टी, चक्कर, दौरे पड़ना, कम दिखना, पैरालिसिस महसूस होता है।

स्तन कैंसर

मुख्यतः महिलाओं को होता है।

फेफड़ों, गले, मुंह का कैंसर

देश में सबसे अधिक इसी के रोगी हैं।

पैनक्रियाटिक कैंसर

यह कैंसर दूसरों कैंसरो के मूकाबले कम पाया जाता है।

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क्या कहते हैं डॉक्टर

हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, "सोनाली बेंद्रे को कैंसर होने की खबर केवल एक तथ्य की ओर इशारा करती है कि समय पर निदान और कार्रवाई का बड़ा महत्व है। कैंसर उन कई संबंधित बीमारियों का समूह है जो तब होती हैं जब असामान्य कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगता है। इस तरह से अक्सर ट्यूमर बन जाते हैं। ट्यूमर या तो सामान्य होते हैं या घातक। चार प्रमुख प्रकार की रोकथाम की जरूरत है : टीकाकरण, स्क्रीनिंग, परामर्श (जीवनशैली में परिवर्तन) और केमोप्रिवेन्शन।"

उन्होंने कहा, "स्क्रीनिंग से एक विषम बीमारी, अस्वास्थ्यकर स्थिति या जोखिम कारक की पहचान की जाती है। शुरुआती रोकथाम बीमारी को होने से रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयास हैं, सेकेंडरी प्रीवेंशन में बीमारी को पकड़ने की कोशिश की जाती है और बीमारी की जटिलताओं को कम करने के रूप में तृतीयक रोकथाम की जाती है।"

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "कैंसर का अगर जल्दी पता चल जाता है, तो इसका इलाज बहुत कम लागत पर किया जा सकता है। अगर शुरुआती लक्षण प्रकट होते ही लोग स्क्रीनिंग कराने जाते हैं, तो मृत्यु की आशंका कम हो जाती है। दुर्भाग्यवश, कैंसर के लगभग दो-तिहाई मामलों का निदान लास्ट स्टेज में किया जाता है, जिससे रोगियों के इलाज और उनके बचने के अवसर कम हो जाते हैं।"

डॉ. अग्रवाल ने कुछ सुझाव दिए हैं जिन्हें अपनाकर कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। लक्षणों पर ध्यान देकर और नियमित रूप से जांच कराकर खतरे को कम किया जा सकता है। तंबाकू की लत छोड़ना या कम करना कैंसर की रोकथाम में सबसे महत्वपूर्ण कदम है। नल के पानी को ठीक से फिल्टर करें क्योंकि इससे संभावित कैंसर कारकों और हार्मोन को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों से बचाव हो सकता है।

उन्होंने कहा, "समय पर और शेड्यूल के अनुसार टीकाकरण करवाएं, बहुत सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से मूत्र में कैंसर पैदा करने वाले एजेंटों को फ्लश करने में मदद मिलती है, जिससे मूत्राशय के कैंसर का खतरा कम करने में मदद मिल सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वस्थ आहार खाने और नियमित व्यायाम करने की आदत डालें। फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होती हैं, जो बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती हैं।"

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