बच्चे से करवाएं ये आसन, पढ़ने में लगेगा मन, होंगे बहुत सारे फायदे
शीर्षासन बच्चों की पढ़ाई में कैसे मदद कर सकता है और यह बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
लखनऊ: योग हर किसी के लिए फायदेमंद है, जहां हम कोरोना के समय हेल्थ को लेकर सचेत हो गए है। योग को अब ज्यादातर लोग अपने दिनचर्या मे शामिल कर लिए है। योग हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। चाहे बड़ें है चाहे बच्चे। शारीरिक तौर पर फिट रहने की बात हो या मानसिक स्वास्थ्य की, योग से कई लाभ मिलता है। लेकिन क्या जानती हैं कि योग के कुछ आसन बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं? विशेष तौर पर बच्चे की पढ़ाई के लिए। जी हां शीर्षासन बच्चों के लिए बहुत जरूरी है।
शीर्षासन बच्चों की पढ़ाई में कैसे मदद कर सकता है और यह बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। अगर आपका बच्चे का भी पढ़ाई में मन नहीं लगता तो उसे भी शीर्षासन सीखाएं।
बच्चों के लिए फायदेमंद है
शीर्षासन करने से सिर में रक्तसंचार बढ़ता है, जिससे कि मस्तिष्क अच्छे से कार्य करने लगता है और सभी इन्द्रिय-अंगों (आंख, कान,नाक आदि) के लिए लाभप्रद है। यह याददाश्त को सुधारने के साथ ही एकाग्रता को बढ़ाता है। शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ ही मानसिक सुकून भी पहुंचाता है।
इन को करने से बचें
कोहनी बहुत चौड़ी रखना,कंधों के पीछे कूल्हों को लाना। सिर का गलत स्थान,हाथ और पैरों में सामान्य गैप न रखना। विश्वास का बहुत तेज होना,स्पाइनल पर अधिक भार देना।हालांकि शीर्षासन सभी के लिए फायदेमंद है।
इससे मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ता है। पर अगर गलत तरीके से किया जाए तो शीर्षासन के फायदे के साथ कुछ नुकसान भी हैं। इसलिए इनके बारे में जान लेना भी बहुत जरूरी है। कफ और सर्दी, कब्ज, हृदय रोग, सिर में चोट या गर्दन की समस्या, उच्च रक्तचाप से पीड़ित होने पर इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए। महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इसे नहीं करना चाहिए।
बच्चों को पढ़ाई में फायदा
जब बच्चे इस आसन को करते हैं, तो यह उनकी मेमोरी को बूस्ट करता है। जिससे उनका पढ़ने में मन लगता है। जिससे वह जब भी कुछ पढ़ते हैं, याद करने की कोशिश करते हैं, तो वह इसे आसानी से कर पाते हैं और भूलते नहीं हैं। इसलिए पढ़ने वाले बच्चों को सुबह शीर्षासन करने की सलाह दी जाती है।
कैसे करें शीर्षासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले खाली पेट, समतल स्थान पर कंबल या दरी बिछा लें। वज्रासन में बैठकर, हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा लें। माथे से ऊपर जहां से बाल शुरू होते हैं, वहां से चार अंगुल ऊपर सिर पर हाथों को रखें। आगे झुकते हुए माथे को ज़मीन पर रख लें। दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें और हाथों की उंगलियों को आपस में अच्छी तरह से फंसाकर रखें।
सांस की गति सामान्य रखते हुए हाथों पर ज़ोर डालते हुए, शरीर का भार सिर पर लाएं और सबसे पहले नितंबों को ऊपर की ओर उठाएं, फिर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाते जाएं। शरीर का भार सिर पर आ जाएगा। शरीर को ऊपर की ओर सीधा कर लें। यहां पैर, कमर,व सर एक सीध में हो जाएंगे। शुरुआत में दीवार के सहारे या किसी का सहयोग लेकर इसका अभ्यास को करें।