नई दिल्ली : एक नए शोध में पता चला है कि अकेलेपन का अहसास अकेले रहने से अधिक खतरनाक है और जो लोग अकेलापन महसूस करते हैं, उनमें खराब मानसिक स्वास्थ्य, दिल संबंधी बीमारियों के होने की संभावना ज्यादा होती है और वे अकेले न रहने वालों की तुलना में भी जल्दी हैं। निष्कर्षो से पता चलता है कि अकेलापन महिलाओं में मृत्यु के दोगुने जोखिम से जुड़ा है और पुरुषों में भी इसका खतरा दोगुना होता है।
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अकेला महसूस करने वाले पुरुषों और महिलाओं में अकेलापन नहीं महसूस करने वालों की तुलना में तीन गुना चिंता और अवसाद के लक्षण होने की संभावना होती है और इनके जीवन का गुणवत्ता स्तर काफी कम होता है।
कोपेनहेगन विश्वविद्यालय अस्पताल के डॉक्टरेट की छात्र एनी विनगार्ड क्रिस्टेनसेन ने कहा, "अकेलापन दिल संबंधी बीमारियों वाले मरीजों व अकेले रहने वाले पुरुषों व महिलाओं में समयपूर्व मौत, खराब मानसिक स्वास्थ्य व कम गुणवत्ता वाले जीवन की भविष्यवाणी करता है।"
इस शोध को वार्षिक नर्सिग कांग्रेस यूरोहर्टकेयर 2018 में प्रस्तुत किया गया।
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इस शोध में इस बात का पता किया गया कि क्या खराब सामाजिक नेटवर्क 13,463 मरीजों के बदतर नतीजों से जुड़ा है। इन मरीजों को इस्कैमिक दिल का रोग, एरिथिमिया, हर्ट फेल्योर व हर्ट वाल्व रोग आदि हैं।
इसमें पाया गया कि उनके दिल संबंधी बीमारियों के बावजूद उनमें अकेलेपन का अहसास उनके खराब नतीजों से जुड़ा था।
--आईएएनएस