Dussehra 2022: दशहरे के दिन शमी की पत्ती बांटने का विशेष महत्व, हिंदू धर्म में इस वृक्ष की इसलिए होती है पूजा
Dussehra 2022 Belief Shami Tree: शमी के पेड़ को लेकर ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान राम रावण की लंका पर आक्रामण करने के लिए निकल रहे थे...
Dussehra 2022: 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र शुरू होने वाली है। नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना खूब धूम-धाम से की जाती है। घर-घर में, मंदिरों में मां के जयकारे लगाए जाते हैं भजन-कीर्तन होते हैं। नवरात्र के नौ दिन के बाद 10 वें दशहरा मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। दशहरा या विजयदशमी पर रावण का दहन किया जाता है। दशहरे वाले दिन शमी की पत्तियां बांटी जाती है। आखिर इसके पीछे क्या वजह है? आइए आपको बताते हैं।
हिंदू धर्म में शमी के पेड़ की पूजा करने की सदियों पुरानी परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाभारत में युद्ध के समय पांडवों ने शमी के वृक्ष पर ही अपने हथियार छुपाए थे। युद्ध के अंत में उन्हें कौरवों से जीत मिली थी। तो दशहरे के दिन शाम के समय शमी के पेड़ की पूजा करने से आरोग्य और धन की प्राप्ति होती है।
इसलिए शमी की पत्तियां बांटी जाती हैं
शमी के पेड़ को लेकर ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान राम रावण की लंका पर आक्रामण करने के लिए निकल रहे थे, तब उन्होंने शमी के पेड़ के सामने अपनी जीत की प्रार्थना की थी। इसके बाद भगवान राम ने शमी की पत्तियों का छूते हुए जीत प्राप्त होने की प्रार्थना की थी। और भगवान राम को जीत प्राप्त हुई।
तब से ही शमी की पत्तियों को दशहरे के दिन स्पर्श करने से या फिर एक दूसरे को देने से सुख-समृद्धि और सफलता का आर्शीवाद मिलता है।
इसके साथ ही शमी के पेड़ को लेकर ऐसी मान्यता है कि घर में शमी का पेड़ लगाने से परिवार पर देवी-देवताओं का कृपा हमेशा बनी रहती है। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है। शमी का पेड़ घर में लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
शमी की पत्ती और फूल भगवान शिव को बहुत प्रिय है। हर रोज भगवान शिव को ये फूल अर्पित करने से भगवान खुश होते हैं। शमी का पेड़ शनि के प्रकोप से भी बचाता है।