Gandhari Ka Shraap: आखिर क्या था गांधारी का वो श्राप, जिसकी सजा आजतक भुगत रहा है अफगानिस्तान

Gandhari Ka Shraap: गांधार नरेश की पुत्री और कुरु राजवंश की महारानी गांधारी का श्राप जो उन्होंने अपने भाई को दिया था आज भी आज का अफगानिस्तान भुगत रहा है।

Update:2024-08-13 12:13 IST

Gandhari Ka Shraap (Image Credit-Social Media)

Gandhari Ka Shraap: दुनिया के सबसे प्रसिद्ध युद्ध की जब बात आती है तो महाभारत के युद्ध को कोई कैसे भूल सकता है। इस युद्ध में जहाँ लाखों लोगों की जान गयी थी वहीँ दुनिया का सबसे बड़ा ज्ञान गीता का ज्ञान भी कुरुक्षेत्र की इसी भूमि पर दिया गया था। इस काल से जुड़ी कई सारी बातें हैं जो कई ग्रंथों में वर्णित भी हैं। वहीँ गांधार नरेश की पुत्री और शकुनि की बहन गांधारी के उस श्राप की भी खूब चर्चा होती है जो उन्होंने अपने ही भाई को दिया था। साथ ही ये श्राप उस समय के गांधार राज्य को भी मिला जो आज अफगानिस्तान है। आज इतने साल बाद भी गांधारी का ये श्राप अफगानिस्तान के लिए अभिशाप बना हुआ है। आइये जानते हैं कैसे।

गांधारी के श्राप को आज तक भुगत रहा अफगानिस्तान

राजा घृतराष्ट्र जो उस समय कुरु राज्य के शासक थे जिसकी राजधानी हस्तिनापुर थी। उनकी पत्नी थीं गांधार राज्य की राजकुमारी गांधारी। महाभारत का युद्ध ख़त्म होने के बाद और धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्रों की मृत्यु के बाद गांधारी ने अपने भाई शकुनि को श्राप दिया। उस समय शकुनि गांधार राज्य का राजा था। उसने अपनी कूटनीति से अपने ही भांझे दुर्योधन की मति भ्रष्ट कर दी और महाभारत के युद्ध की शुरुआत होने में भी उसकी अहम् भूमिका थी। यही वजह थी कि गांधारी ने अपने पुत्रों की मृत्यु के लिए शकुनि को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उसे श्राप दिया। जिसका दंश आज भी अफागिस्तान (तब का गांधार राज्य) भुगत रहा है।

दरअसल जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तब गांधारी ने अपने सभी पुत्रों को मरा हुआ पाया तो वो बेहद दुःखी हुईं और ऐसे में उन्होंने शकुनि को श्राप दिया कि तुम्हारे राज्य गांधार में कभी शांति नहीं रहेगी। गांधारी का दिया ये श्राप आज भी अफगानिस्तान भुगत रहा है और वहां आज भी किसी तरह की कोई शांति नहीं है। इस देश में किसी भी काल में कभी शांति का माहौल नहीं रहा। आज यहाँ के हालत बद से बद्दर हो चुके हैं न तो कोई मीडिया इस राज्य में जाती है और न ही तालिबानी शासन के बाद इसका क्या हाल है इसकी कोई खबर ही पता चलती है। लेकिन ये तय है कि तालिबानी शासन ने इस देश की तस्वीर को और भी ज़्यादा भयावह बना दिया है। 

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