Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी न करें ये काम, रुष्ट हो सकते हैं गणपति भगवान्

Ganesh Chaturthi 2023: ये दस दिन त्यौहार को अच्छे से मनाने और ढेर सारे पकवानों को बनाने और खाने का समय होता है। वहीँ इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर को मनाया जायेगा।

Update:2023-09-19 07:16 IST

Ganesh Chaturthi 2023 (Image Credit-Social Media)

Ganesh Chaturthi 2023: जैसे-जैसे गणेश चतुर्थी का त्योहार नजदीक आ रहा है, देश भर में भक्त अपने घरों में भगवान गणेश के आगमन के भव्य उत्सव की तैयारी कर रहे हैं। ये दस दिन त्यौहार को अच्छे से मनाने और ढेर सारे पकवानों को बनाने और खाने का समय होता है। वहीँ इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर को मनाया जायेगा। ये दिन होता है भगवान् गणेश के जन्मोत्सव का। लेकिन इन पूजा और अनुष्ठानों में भूलकर भी आप इन गलतियों को न करें। आइये जानते हैं क्या हैं ये गलतियां और इनसे बचने के क्या हैं उपाय।

गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी न करें ये काम

विशेषज्ञों के अनुसार भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए आपको कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए।

तुलसी

हर पूजा में तुलसी का उपयोग काफी अहम् माना जाता है , ये पारंपरिक रूप से भगवान विष्णु को अर्पित की जाती है, लेकिन इसे भगवान गणेश को अर्पित नहीं किया जाना चाहिए। किंवदंती है कि भगवान गणेश ने तुलसी के शादी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें एक श्राप मिला जिसके कारण उनकी दो शादियाँ हुईं। प्रतिशोध में, भगवान गणेश ने उसे एक राक्षस से शादी करने का शाप दिया। यही वजह है कि भगवान् गणेश की किसी भी पूजा में तुलसी अर्पित नहीं की जाती।

चावल

भगवान गणेश की पूजा के दौरान, टूटे हुए चावल, जिन्हें अक्षत के नाम से जाना जाता है, नहीं चढ़ाना महत्वपूर्ण है। इसके स्थान पर साबुत अनाज चावल का उपयोग प्रसाद के रूप में किया जाना चाहिए।

सफ़ेद रंग का कोई भी सामान

भगवान गणेश की पूजा के दौरान कुछ फूल ऐसे हैं जिन्हे आपको उन्हें नहीं चढ़ाना चाहिए। भक्तों को पूजा के दौरान सफेद कपड़ा, सफेद फूल, सफेद चंदन और इसी तरह की वस्तुएं चढ़ाने से बचना चाहिए।

प्याज और लहसुन

प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन माना जाता है अतः इसलिए इन्हे किसी भी भगवान के भोग में बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। साथ ही भगवान् गणेश के लिए भी भोग या प्रसाद बनाते समय, व्यंजनों में प्याज और लहसुन का उपयोग करने से बचना महत्वपूर्ण है। ये सामग्रियां प्रसाद के रूप में बनाए जाने वाले भोजन के लिए अशुद्ध मानी जाती हैं।

इन सब के साथ ही ये भी याद रखिये कि एक ही घर में दो गणेश प्रतिमाएं एक साथ नहीं रहनी चाहिए। इस अवसर के लिए बिल्कुल नई भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने और पुरानी मूर्ति को पानी में विसर्जित करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि गणेश की मूर्ति अंधेरे में न रखी जाए। पूजा स्थल पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके अलावा भक्तों को पूजा के दौरान नीले और काले रंग के कपड़े पहनने से परहेज करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि आमतौर पर शनिदेव को छोड़कर अन्य देवताओं की पूजा में इन रंगों से परहेज किया जाता है।

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