Geeta Ka Gyan: गीता में छिपा है जीवन जीने का सार, इन बातों को अपना लिया तो मिट जाएगी सारी चिंता
Geeta Updesh: कहते हैं कि गीता के अनमोल वचन से व्यक्ति को जीवन की हर एक परेशानी का हल मिल जाता है। इन उपदेशों से आप भी अपने प्रश्नों का हल जा सकते हैं।
Geeta Ka Gyan: अगर जिंदगी में आप परेशानियों से घिर जाएं और कोई रास्ता ना समझ आए तो श्रीमद्भागवत गीता (Bhagavad Gita) को एक बार जरूर पढ़ें। क्योंकि श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उन उपदेशों (Shri Krishna Ke Updesh) का वर्णन है, जो उन्होंने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिए थे। श्रीकृष्ण के ये उपदेश आपको जीवन जीने का सही ढंग सिखाएंगे। कहते हैं कि गीता के अनमोल वचन से व्यक्ति को जीवन की हर एक परेशानी का हल मिल जाता है। इसलिए जब कभी भी आप खुद को मुश्किलों से घिरा पाएं तो गीता के इन उपदेशों को जरूर पढ़ें। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही गीता के उपदेश (Geeta Ke Updesh) लेकर आए हैं, जो आपको अपनी परेशानियों से निपटने और जीवन में तरक्की करने का सही मार्ग दिखाएंगे।
गीता के उपदेश (Geeta Ke Updesh In Hindi)
1- श्रीकृष्ण कहते हैं कि जीवन में हमेशा सही के साथ खड़े रहना चाहिए, भले ही अकेले क्यों ना खड़ा रहना पड़े।
2- गीता में लिखा है कि मनुष्य को सिर्फ दिखावे के लिये अच्छा नहीं बनना चाहिए क्योंकि परमात्मा आपको बाहर से नहीं बल्कि अंदर से भी जनता है।
3- गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को खुद को परमात्मा में लीन कर देना चाहिए। भगवान के सिवाय मनुष्य का कोई नहीं होता। साथ ही मनुष्य को यह मान कर कर्म करना चाहिए कि वह भी किसी का नहीं है।
4- श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है, तुम अपना कर्म करो लेकिन इसके फल की चिन्ता न करो। क्योंकि केवल कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, उसके फल पर कभी नहीं। कर्म के फल को अपना उद्देश्य मत बनाओ, न ही काम करने में तुम्हारी आसक्ति हो।
5- गीता के अनुसार, आपका मन ही आपके दुखों का कारण है। जिस व्यक्ति ने अपने मन पर काबू पा लिया, वह बेकार की चिंताओं और इच्छाओं से भी दूर रहता है। ऐसा मनुष्य अपने लक्ष्य को भी आसानी से हासिल कर लेता है।
6- अगर आपको जिंदगी में चिंता मुक्त रहना है तो श्रीकृष्ण के इस उपदेश को जरूर अपना लेना चाहिए। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने भविष्य की चिंता को व्यर्थ और वर्तमान में जीने को सर्वोचित बताया है। गीता में कहा गया है कि बीते हुए कल और आने वाले कल के बारे में सोचकर कुछ हासिल नहीं होता है। इससे बस मन ही दुखी होता है। इसलिए व्यक्ति को केवल वर्तमान में ही जीना चाहिए और उन क्षणों का आनंद लेना चाहिए।
7- भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि आत्म मंथन करके स्वयं को पहचानो क्योंकि जब स्वयं को पहचानोगे तभी क्षमता का आंकलन कर पाओगे।
8- गीता में कहा गया है, अक्सर जो चीजें आसानी से मिल जाती हैं, मनुष्य उसको महत्व नहीं देता है। खो देने के बाद ही समय, व्यक्ति और संबंध के मूल्यों का आभास होता है।