Geeta Updesh In Hindi: श्रीकृष्ण के वो उपदेश जो स्ट्रेस दूर करने में करेंगे मदद

Shri Krishna Ke Updesh: लाइफ में टेंशन फ्री रहना है तो भगवान श्रीकृष्ण के इन उपदेशों को जिंदगी में शामिल कर लें। इससे आप किसी भी मुश्किलों को पार कर लेंगे।

Newstrack :  Network
Update:2024-07-15 17:50 IST

Geeta Updesh (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Geeta Ka Gyan: कभी-कभी मुश्किल के वक्त में कोई रास्ता नजर नहीं आता। ऐसे में मन में उदासी छा जाती है और मन अशांत रहने लगता है। लगातार उदासी बने रहने से तनाव या स्ट्रेस हो जाता है। लेकिन आप भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों (Shri Krishna Ke Updesh) से खुद को स्ट्रेस से दूर रख सकते हैं। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का वर्णन है, जिसे श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिए थे। इन उपदेशों के जरिए श्रीकृष्ण ने मनुष्य को जीवन जीने का सही तरीका और ढंग सिखाया है। गीता में जीवन की हर एक परेशानी का हल मिल जाता है। जब कभी भी आप खुद को मुश्किलों या परेशानियों से घिरा हुआ पाएं तो गीता के इन उपदेश (Geeta Ke Updesh) को जरूर याद रखें। आज हम आपको गीता के कुछ ऐसे अनमोल उपदेशों के बारे में बता रहे हैं, जो व्यक्ति को तनाव से बाहर निकाल सकते हैं।

टेंशन फ्री रखेंगे गीता के उपदेश (Geeta Updesh In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1- जिंदगी में टेंशन फ्री और तनाव मुक्त रहना है तो सबसे पहले श्रीकृष्ण की ये बात जरूर गांठ बांध लें। गीता में श्रीकृष्ण ने भविष्य की चिंता को व्यर्थ और वर्तमान में जीने को सर्वोचित बताया है। बीते हुए कल और आने वाले कल के बारे में सोचकर कुछ हासिल नहीं होता है। इससे आपका मन केवल अशांत रहेगा। ऐसे में वर्तमान में अच्छे कर्म करने पर ध्यान दें। इससे भविष्य अपने आप ही बेहतर बन जाएगा।

2- आपका मन ही आपके दुखों का कारण है। ऐसे में श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि जिस व्यक्ति ने अपने मन पर काबू पा लिया, वह बेकार की चिंताओं और इच्छाओं से भी दूर रहता है। ऐसा व्यक्ति अपने लक्ष्य को भी आसानी से हासिल कर लेता है।

3- कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता। हर किसी से गलतियां होती रहती हैं। ऐसे में अपनी गलतियों और हार से सीख लेकर आगे बढ़े। न कि उससे निराश होकर मन को दुखी करते रहें। ऐसा करने से किसी भी समस्या का हल नहीं होता।

4- कभी भी अपनी तुलना किसी अन्य व्यक्ति से न करें। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो अपनी तुलना दूसरों से करते हैं वो कभी खुश नहीं रह पाते। आप जैसे हैं वैसे ही खुद को स्वीकार करें।

5- गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को खुद को ईश्वर में लीन कर देना चाहिए। भगवान के सिवाय मनुष्य का कोई नहीं होता। साथ ही मनुष्य को यह मान कर कर्म करना चाहिए कि वह भी किसी का नहीं है।

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