Hepatitis B के खतरे को दूर करेगा पनीर, डाइट में शामिल करें excess प्रोटीन फ़ूड

Health Tips : लीवर में होने वाली गंभीर संक्रमण की बीमारी Hepatitis B से बचने के लिए अपने डाइट में पनीर जैसे excess protein food को शामिल कर इसके खतरे से बचा जा सकता है।

Written By :  Preeti Mishra
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-03-28 19:40 IST

हेपेटाइटिस बी से बचने के उपाय (प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार : सोशल मीडिया)

Health Tips : हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) का संक्रमण इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है। हेपेटाइटिस बी लिवर में होने वाले गंभीर संक्रमण की बीमारी है। बता दें कि शरीर में लिवर का मुख्य काम भोजन को ठीक से पचाने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलने के लिए होता है।

लेकिन कई बार लिवर में आये संक्रमण या इन्फेक्शन के कारण लिवर में सूजन हो जाती है है। जिसकी वजह से यह सही तरीके से कार्य नहीं कर पाता है। इसी इन्फेक्शन से होने वाली बीमारी को हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) कहलाती हैं। हेपेटाइटिस बी लिवर के सबसे आम संक्रमणों में से एक है। जो हेपेटाइटिस वायरस के कारण होता है। सामान्यतः हेपेटाइटिस के दो ही प्रकार माने जाते हैं। पहला हेपेटाइटिस 'ए' और दूसरा हेपेटाइटिस 'बी'। इन दोनों के अलावा इसके अन्य प्रकार ए, सी, डी, और ई भी होते हैं।

बता दें कि हेपेटाइटिस बी होने का प्रमुख कारण प्रदूषित पानी, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और हेपेटाइटिस बी से संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध बनाना होता है। व्यक्ति के शरीर में हेपेटाइटिस बी का पता ब्लड टेस्ट से चलता है। अधिकतर मामलों में लिवर में ज्यादा संक्रमण हो जाने के बाद ही इसका पता चलता है। ऐसे में ज़ाहिर है इससे जुड़ी कई परेशानियां भी शुरू हो जाती हैं। जिसमें लिवर को सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अगर संक्रमण के शुरुआत में ही इसका पता चल जाए तो कुछ सावधानियां बरत कर संक्रमण को फैलने से रोककर लिवर का बचाव किया जा सकता है। सामान्यतः ऐसा होना संभव नहीं हो पाता है।

गौरतलब है कि हेपेटाइटिस बी के संक्रमण को खत्म करने के लिए अभी तक कोई खास दवा नहीं है। इतना ही नहीं लिवर के एक बार संक्रमित हो जाने के बाद जिंदगी भर इसका खतरा बना रहता है। इसलिए जरुरी है कि लिवर के बचाव के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाये। क्योंकि एकमात्र यहीं एक रास्ता है जिससे लिवर को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सकने के साथ-साथ हेपेटाइटिस बी जैसी गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

हेपेटाइटिस बी में रखें खान-पान का विशेष ध्यान

चूँकि हेपेटाइटिस बी लिवर से जुडी हुई परेशानी है। इसलिए इस रोग में खान-पान का विशेष ध्यान रखना जरुरी है। इसमें ज्यादा प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। जिसमें अंडे का सफेद हिस्सा, मछली, चिकेन, दूध, दही, पनीर, सूखे मेवे और दाल को शामिल करना लाभदायक होता है। हेपेटाइटिस बी में फल और सब्जियां अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। ध्यान रहें कि तेल, घी जैसे वसा वाले पदार्थों का सेवन ना के बराबर करना चाहिए।

- इसके अलावा हेपेटाइटिस बी होने पर फल और सब्जियों के अधिक से अधिक सेवन में हरी सब्जियां ज्यादा लेनी चाहिए। फलों में पपीता का सेवन इसमें फायदेमंद होता है। पपीता लिवर को मजबूत बनाता है जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहता है। पपीते के अलावा अन्य किसी भी फलों का सेवन ऐसे मरीज़ कर सकते हैं। बता दें कि मेवे में अंजीर का सेवन हेपेटाइटिस बी में अच्छा माना जाता है।

- लिवर संक्रमित हो जाने पर ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाला खाना खाना नुकसानदायक होता है। जैसे चावल, आलू, बीन्स और पास्ता इत्यादि इनका सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए। क्योंकि इन्हें पचने और पचाने दोनों में बहुत अधिक समय लगता है।

- हेपटाइटिस बी होने पर चाय-कॉफी की जगह ग्रीन टी पीना अच्छा होता है। ग्रीन टी में मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ वजन भी कम करता है।

- सलाद का सेवन भी हेपेटाइटिस बी में लाभदायक होता है। जिसमें खीरा, टमाटर, मूली, चुकंदर इत्यादि को शामिल करना अच्छा होता है।

सामान्यतः हेपेटाइटिस बी के कुछ लक्षण होते हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ करना बड़ी समस्याओं को आमंत्रण देने जैसा होता है। जिसमें थकान, गहरे रंग का मूत्र आना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, भूख में कमी होना, बुखार, पेट में परेशानी होना, दुर्बलता,जी मिचलाना, उल्टी आना और आंखों (स्क्लेरा) और त्वचा (ज्योंडिस या पीलिया) का पीला पड़ जाना शामिल है।

बता दें कि शरीर में हेपेटाइटिस बी के किसी भी लक्षण के दिखते ही तुरंत इसका इलाज (Hepatitis B Treatment) कराना चाहिए। गौतलब है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में तीव्र हेपेटाइटिस बी के लक्षण समय के साथ और बदतर हो जाते हैं। याद रखें हेपेटाइटिस बी के संपर्क में आने के तुरंत बाद डॉक्टर से संपर्क करें , जिससे आप संक्रमण को रोकने में सफल हो सकते हैं।

बचाव

हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से बचने के लिए सभी डॉक्टर्स इसका टीकाकरण कराने की सलाह देते हैं। गौरतलब है कि टीकाकरण की पूरी श्रृंखला में तीन टीके व्यक्ति को लगाये जाते हैं।

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