Holi 2023: होली पर मिलावटी रंगों से सावधान, होंगी कई गंभीर समस्याएँ, जानिए कैसे पहचाने असली-नकली रंग

Holi 2023 Differentiate Harmful Colours: मिलावटी रंग त्वचा और बालों पर भारी पड़ सकते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएँगे कि कैसे आप इनकी आसानी से पहचान कर सकते हैं।

Update:2023-03-04 16:36 IST

Holi 2023 (Image Credit-Social Media)

Holi 2023 Differentiate Harmful Colours: देश भर में होली के जश्न का सप्ताह शुरू हो चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में होली के समय कई तरह के मिलावटी रंग भी मौजूद होते हैं ऐसे में इनकी पहचान कर पाना काफी मुश्किल होता है। वहीँ इस तरह के रंग हमारी त्वचा और बालों पर भारी पड़ सकते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएँगे कि कैसे आप इनकी आसानी से पहचान कर सकते हैं और इन रंगों को न खरीद कर अच्छे और हर्बल रंगों को ही खरीदना सही क्यों है।

इन रंगों से कैसे करें अपना बचाव

बाजार में होली पर कई तरह के रंग मौजूद हैं जो आपकी त्वचा, आँखों और बालों को काफी नुक्सान पंहुचा सकते हैं। वहीँ जहाँ आपको इस तरह के रंगों को खरीदने से परहेज़ करना चाहिए वहीँ अगर कोई और आपको ऐसे रंग लगा दे तो उसकी भी पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए। जब तक आप पहले से अच्छी तरह से तैयार नहीं होते हैं, तब तक होली पर रंग और पानी की मात्रा का आपकी त्वचा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सीके बिड़ला हॉस्पिटल्स-सीएमआरआई में त्वचा विज्ञान विभाग की सलाहकार मधुमिता भट्टाचार्य कहती हैं, पर्याप्त सावधानी बरतें। "रंगने से पहले अपने चेहरे पर बर्फ के टुकड़े रगड़ें। ऐसा करने से आपकी त्वचा के छिद्रों को बंद करने में मदद मिलती है और ये भी सुनिश्चित होता है कि रंग आपकी त्वचा में रिस नहीं पाएंगे। आप अपने चेहरे पर तेल भी लगा सकते हैं। जिनकी त्वचा रूखी या सामान्य है, उन्हें अपने चेहरे और शरीर पर तेल लगाना चाहिए। तेल आपकी त्वचा और रंगों के बीच एक बाधा के रूप में काम करेगा और साथ ही आपकी त्वचा को नमीयुक्त रखेगा। आप नारियल तेल, अरंडी का तेल और जैतून का तेल चुन सकते हैं। साथ ही आपको ईयर लोब और गर्दन को मॉइश्चराइज करना नहीं भूलना चाहिए। इसके अलावा, अपनी त्वचा को धूप से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए वाटरप्रूफ सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।'

सूखे रंग: इन रंगों को आमतौर पर गुलाल कहा जाता है, सूखे रंग जहरीले भारी धातुओं जैसे सीसा, क्रोमियम, कैडमियम, तांबा, पारा, निकल और अभ्रक का मिश्रण से भी बनाये जाते हैं। इसमें कांच का पाउडर भी मिला हो सकता है, जो अत्यधिक मामलों में अंधेपन का कारण बन सकता है। इन सभी धातुओं को बुखार, त्वचा की एलर्जी, अस्थमा, निमोनिया, गुर्दे की विफलता और यहां तक ​​कि कैंसर का कारण भी माना जाता है। अन्य समस्याओं में बालों का झड़ना भी शामिल है।

गीले रंग: ये रंग आमतौर पर रंजक के रूप में जेंटियन वायलेट डाई के उपयोग से बनते हैं। जेंटियन वायलेट एक खतरनाक रसायन है जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

इसके बजाय, फूलों की पंखुड़ियों, जड़ी-बूटियों, सब्जियों के अर्क और हल्दी से बने पर्यावरण के अनुकूल रंगों का उपयोग करने का विकल्प चुनें।

होली पार्टी के बाद इनमें से किसी भी लक्षण पर रखें नज़र

यदि आप बुखार, मतली, उल्टी, लाल आँखें, देखने में कठिनाई, त्वचा पर फोड़े, त्वचा में जलन, चक्कर आना, भ्रम, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, सिरदर्द, और/या धुंधली दृष्टि का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

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