International Day of Unborn Child: गर्भ से दुनिया में आने तक का सफर है ज़रूरी, जानिए इसका इतिहास, महत्त्व
International Day of Unborn Child: इस दिवस का उद्देश्य मानव जीवन के मूल्य और अभी तक पैदा होने वाले बच्चे का जश्न मनाना है ।;
International Day of Unborn Child 2023: विकसित हो रहे बच्चे के प्रति लोगो को जागरूक करना इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है ।
प्रत्येक वर्ष 25 मार्च को गर्भपात का विरोध करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अजन्मे बच्चे का दिवस मनाया जाता है । इस दिवस का उद्देश्य मानव जीवन के मूल्य और अभी तक पैदा होने वाले बच्चे का जश्न मनाना है । यह दिवस अजनमें भ्रूणों के समरणोत्सव का दिन है जिन्होंने गर्भपात के कारण अपनी जान गंवा दी ।
एक अजन्मा बच्चा क्या है ?
अजन्में बच्चे शब्द का प्रयोग माँ के गर्भ के अंदर पल रहे बच्चे के लिए किया जाता है जो अभी अजन्मा है । इसके लिए भ्रूण, अपरिवक्व शब्दावली का प्रयोग भी करा जाता है ।
गर्भपात और अजन्मे बच्चे के अधिकार
गर्भपात के पक्ष में व्यक्ति कहते हैं कि महिलाओं को अपने शरीर और भविष्य के बारे में निर्णय लेने का हक है । गर्भपात करना एक महिला के जीवन को और जोखिम में डाल सकता है । गर्भपात का विरोध करने वाले लोग कहते हैं अजन्मे बच्चे के अधिकारों का उल्लंघन है और गर्भधारण से लेकर प्राकृतिक मृत्यु तक सभी मनुष्यों की रक्षा की जानी चाहिए ।
अंतरराष्ट्रीय अजन्मे बच्चे के दिवस का इतिहास
जॉन पॉल द्वितीय ने इस दिन को जीवन के पक्ष में एक सकारात्मक विकल्प के प्रसार के रूप में देखा ताकि हर स्थिति में मानव की गरिमा के सम्मान की गारंटी दी जा सके । इस दिवस की शुरुआत अर्जेंटीना में हुई थी । अल साल्वाडोर पहला देश है जिसने आधिकारिक रूप से 1993 में इस दिवस को मान्यता दी थी । 1999 से मुस्लिम, यहूदी, रूढ़िवादी समुदाय के प्रतिनिधि इसमें भाग लेते है । कोलंबस की शूरवीरों ने भी अजन्मे बच्चे के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के प्रचार प्रसार को बढ़ावा दिया ।
अजन्मे बच्चों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का महत्त्व
अजन्मे बच्चों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस गर्भपात की निंदा करता है क्योंकि यह जन्म से पहले ही मारकर उसके जीवन और सम्मान को खत्म कर देता हैं ।
अजन्मे बच्चों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य
अजन्मे बच्चों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य मानव जीवन के मूल्य, गरिमा और अभी तक पैदा होने वाले विकासशील बच्चो का जश्न मनाना है ।
जन्मे बच्चे के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के तथ्य
1) विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में सभी गर्भधारण का 22 प्रतिशत गर्भपात को छोड़कर गर्भपात का परिणाम है ।
2) प्रत्येक वर्ष दुनिया में लगभग 40 से 50 मिलियन गर्भपात किये जाते है जो प्रतिदिन लगभग 1 लाख 25 हज़ार के बराबर है ।
3) संयुक्त राष्ट्र में प्रत्येक वर्ष लगभग 25,000 बच्चे मृत पैदा होते हैं ।
4) गर्भावस्था के 28 सप्ताह के बाद 60 प्रतिशत भ्रूण की मृत्यु हो जाती है ।
गर्भपात के कानून
1960 के दशक तक भारत में गर्भपात अवैध था और ऐसा करने पर एक महिला के लिए आईपीसी की धारा 312 के तहत तीन वर्ष की सजा और जुर्माना तय किया गया था ।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 312 के तहत गर्भवती महिला की सहमति से गर्भपात किए जाने पर स्वेच्छा से भी गर्भपात का कारण अपराध है सिवाय इसके जब गर्भपात महिला के जीवन को बचाने के लिए किया जाता है ।