ये संभव है: नमक के पानी से कोरोना को दूर भगाया जा सकता है। यहां देखें सच्चाई
कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को कई छोटी-छोटी सावधानियां रखने के लिए कहा गया है। इनमें से एक है गुनगुने पानी से गरारा करना।
लखनऊ: कोरोना वायरस से इस वक्त पूरा देश जूझ रहा है। जिस वजह से देश को लॉकडाउन भी रखा गया है। इस दौरान लोगों से ऐसे कई छोटी-छोटी सावधानियां रखने के लिए कहा गया है। जिससे वे कोरोना के संक्रमण से बचे रहें। इनमें से एक है गुनगुने पानी से गरारा करना। ऐसा कहा जा रहा है कि ऐसे करने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।
नमक के पानी से गरारे करने पर होगा कोरोना से बचाव?
पुणे स्थित संधिवाती केंद्र के डॉ. अरविंद चोपड़ा ने भी प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना वायरस को लेकर चलाए जा रहे स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान में बीमारी के बचाव के इन उपायों को भी शामिल करने की बात कही थी। बता दें कि डॉ. अरविंद चोपड़ा आयुष मंत्रालय द्वारा बनाए गए क्लिनिकल समूह के प्रमुख भी हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या कोरोना के संक्रमण से बचाव में ये तरीके उपयोगी हैं या नहीं?
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इन सावधानियों को बरतने में कोई नुकसान नहीं
एक रिपोर्ट में भारत के लोक स्वास्थ्य फाउंडेशन के डॉ. श्रीनाथ रेड्डी के हवाले से कहा गया है कि चूंकि कोरोना वायरस सांस संबंधित रोग पैदा करता है। साथ ही यह नाक, फेफड़ों और साइनस तक अपनी पहुंच बनाता है, इसलिए इन सावधानियों को बरतने में कोई नुकसान नहीं है। बल्कि इन उपायों को करने से हो सकता है कुछ फायदा ही हो। लेकिन फिलहाल इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ऐसा करने से आपको कोरोना का संक्रमण नहीं होगा।
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सर्दी से उबरने में भी मिले हैं सीमित प्रमाण
वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी यह साफ किया है कि नमक के पानी से नाक-गले को नियमित रुप से साफ करने से सामान्य सर्दी जैसी समस्याओं से उबरने में भी सीमित प्रमाण मिले हैं। हालांकि यह साफ है कि सांस संबंधी संक्रमणों में इससे बचाव होना नहीं देखा गया है। इसके बावजूद संक्रमण से बचने के लिए कई देशों में हैंडवॉश जैसी सावधानी रखने के साथ ही नमक के पानी के गरारे भी पारंपरिक रूप से किए जाते हैं।
कोरोना के खिलाफ हथियार नहीं समझना चाहिए
वहीं देश के वॉयरोलॉजी इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि नमक के पानी से गरारे करना या भाप लेना स्वास्थ्य के लिए एक सामान्य सावधानी है। इसे कोरोना के खिलाफ एक हथियार नहीं समझा जाना चाहिए।
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