डॉ. प्रसूनकांत शमशेरी
सर्दी के मौसम में सबसे अधिक समस्या हड्डी के जोड़ों के मरीजों को रहती है। इसकी वजह ठंड के कारण जोड़ों में सूजन का बढ़ जाना है। इसके कारण जोड़ों के दर्द का बढऩा, सूजन आना जैसी समस्याएं ठंड के साथ-साथ बढ़ जाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में सुधार करने के साथ ही एक्टिव होकर इससे बच सकते हैं। अगर आपको जोड़ों की समस्या है या इससे बचना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
कार्टिलेज में समस्या से बढ़ता है दर्द
इस मौसम में हड्डियों के जोड़ों को लचीला बनाने कार्टिलेज में समस्या होने लगती है। यह कम बनता है। कार्टिलेज ही हमें चलने, दौडऩे या उठने-बैठने पर जोड़ों पर किसी तरह का दबाव पडऩे या झटका लगने से रोकते हैं। जब कार्टिलेज की इस क्षमता में कमी आने लगती है तो जोड़ों में दर्द या गठिया की समस्या होने लगती है। जब शरीर का इम्यून सिस्टम शरीर के ऊत्तकों पर अटैक करता है तो रूमेटॉयड आर्थराइटिस की समस्या पैदा होने लगती है। इस अटैक में जोड़ों में उपस्थित सॉफ्ट टिश्यूज सिनोवियम पर प्रभाव पड़ता है जो जोड़ों के कार्टिलेज या ल्यूब्रिकेट्स को पोषण देने के लिए एक फ्लूड का स्त्राव करता है। यही वजह है कि इस प्रकार के आर्थराइटिस को ऑटोइम्यून डिसऑर्डर कहा जाता है।
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इसलिए सर्दी में बढ़ता है दर्द
शरीर के नर्वस सिस्टम से जुड़ी सिम्पैथेटिक नर्व जो शरीर के आंतरिक क्रियाओं को सुचारू तौर पर करने के लिए प्रेरित करती है, वह सर्दी में तापमान कम होने के कारण सिकुडऩे लगती हैं। ऐसे में संबंधित हिस्से में रक्त का तापमान कम होने लगता है और जोड़ों में अकडऩ आने लगती है। सर्दियों में सिम्पैथेटिक नर्वस के जोड़ों के पास ज्यादा सक्रियता बढ़ जाने से भी दर्द बढऩेे लगता है। अगर वहां गरमाहट रहे तो यह समस्या कम रहती है।
दर्द न हो इसलिए ध्यान रखें
सर्दी में जोड़ों की समस्या न इसके लिए एक्टिव रहें। एक ही जगह बैठे या लेटे रहने से बचें। जितना ज्यादा मूवमेंट होगा दर्द उतना ही कम होगा। एक ही स्थिति में ज्यादा समय तक रहने से भी जोड़ों में अकडऩ महसूस होने लगती है। इसके साथ ही कुछ और बातों पर ध्यान दें।
सुबह धूप में बैठें
हड्डियों को मजबूत रखने और जोड़ों के दर्द से बचने के लिए भरपूर मात्रा में विटामिन डी लें। इसके लिए रोजाना सुबह की गुनगुनी धूप का सेवन करें, इससे अत्यधिक मात्रा में विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है। अगर आपके शरीर में विटामिन डी की अधिक कमी है तो डॉक्टरी सलाह पर इसका सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
नियमित व्यायाम करें
हर व्यक्ति को नियमित तौर पर जोड़ों से संबंधित एक्सरसाइज करना चाहिए। इसके लिए स्विमिंग, वॉक, योगासन आदि लाभकारी होता है। ध्यान रहे कि यदि आपका वजन नियंत्रित रहता है तो जोड़ भी स्वस्थ रहते हैं। ज्यादा वजन घुटनों और कमर पर दबाव डालते हैं जिससे कार्टिलेज टूटने का डर रहता है। अगर उम्र अधिक है और कोई बीमारी है तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें।
जोड़ों को मजबूत रखने के लिए दूध जरूर पीएं। इससे हड्डियों को कैल्शियम और विटामिन डी मिलता है। पनीर, दही, चीज व अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन भी किया जा सकता है। इसके साथ ही ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन के और विटामिन सी युक्त डाइट लें। यह एसिड सूजन को कम करने में मददगार है। पालक, पत्तागोभी आदि से विटामिन के प्राप्त किया जा सकता है, जो दर्द को कम करने में सहायक होता है। संतरा, टमाटर व अन्य विटामिन सी युक्त तत्व कार्टिलेज क्षरण को रोकते हैं। इसके साथ ही हर तरह की मौसमी सब्जी और फल खूब लें।
- हड्डी रोग विशेषज्ञ, लखनऊ