Karwa Chauth 2023: क्या कुंवारी लड़कियां भी रख सकतीं हैं करवाचौथ का व्रत, जानिए विशेषज्ञों की राय

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ का व्रत देश के साथ साथ विदेशों में भी काफी धूम धाम से मनाया जाता है इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करतीं हैं वहीँ कुंवारी लड़कियां भी ये व्रत रखतीं हैं।

Update: 2023-11-01 07:47 GMT

Karwa Chauth 2023  (Image Credit-Social Media)

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ का व्रत ज़्यादातर विवाहित महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण समझा जाता है। ये एक प्रतिष्ठित हिंदू त्योहार है जिसमे सुहागिने अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला यानि बिना कुछ खाये या पीये सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत रखतीं हैं। जो पति और पत्नी के रिश्ते को और भी ज़्यादा मज़बूत बनता है। कई उत्तर भारतीय राज्यों में ये त्योहार ये बेहद शुभ दिन समझा जाता है।

कुवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ व्रत के नियम

हम हमेशा से जानते हैं कि करवा चौथ आम तौर पर विवाहित महिलाओं के लिए होता है जो अपने पतियों की भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं, क्या आप जानते हैं कि इसे अविवाहित लड़कियां भी मना सकती हैं, हालांकि कुछ अलग नियमों के साथ? अगर कुंवारी लड़कियां विधि-विधान से व्रत रखती हैं तो उन्हें करवा माता का आशीर्वाद मिलता है।

हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। जो आज बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। विशेषज्ञों की माने तो ये व्रत विवाहित महिलाओं के लिए है, लेकिन अविवाहित लड़कियां भी इसे रख सकती हैं। अविवाहित लड़कियां अपने मंगेतर, प्रेमी या जिसे वो अपना जीवनसाथी मानती हैं, उसके लिए करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। लेकिन इसके साथ अविवाहित महिलाओं को कुछ अनुष्ठानों का पालन करना बेहद ज़रूरी है।

  • अविवाहित महिलाओं को इस दिन निर्जला व्रत की बजाय फलाहार व्रत रखना चाहिए। अविवाहित महिलाओं के लिए निर्जला व्रत रखने की कोई बाध्यता नहीं है।
  • करवा चौथ का व्रत भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करके किया जाता है। हालाँकि, अविवाहित महिलाओं को करवा चौथ व्रत के दौरान माँ करवा की कथा सुननी चाहिए और माँ पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए।
  • अविवाहित लड़कियां व्रत के दिन तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोल सकती हैं। उन्हें शादीशुदा महिलाओं की तरह चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ने की जरूरत नहीं है।
  • अविवाहित लड़कियों को व्रत के दौरान छलनी का इस्तेमाल करने की कोई बाध्यता नहीं है। वे बिना छलनी के तारों को देखकर अर्घ्य दे सकतीं हैं और व्रत खोल सकतीं हैं।
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