Keto Diet: कीटो डाइट के हैं फैन तो जान लें इससे होने वाले बड़े शारीरिक नुकसान
गौरतलब है कि कीटो डाइट की शुरुआत कभी भी एक्सपर्ट की सलाह के बिना नहीं करनी चाहिए वर्ना गलत तरीके से लेने के कारण आपके स्वास्थ्य पर इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है।
Keto Diet Plan: आजकल सभी लोग फिट होने के चक्कर में तरह -तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इसमें कीटो डाइट सबसे ज्यादा दुनिया को अपना फोल्लोवर्स बना रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि खूबियों से भरी हुई माने जाने वाली कीटो डाइट के भी अपने कुछ नुकसान हैं जिसका पता तुरंत नहीं बल्कि देर से चलता है। जी हाँ , लम्बे समय तक कीटो डाइट फॉलो करने वाले लोगों में अत्यधिक थकान, फाइबर की कमी , मिनरल्स की कमी और विटामिन्स की भी भरपूर कमी हो सकती है।
गौरतलब है कि कीटो डाइट की शुरुआत कभी भी एक्सपर्ट की सलाह के बिना नहीं करनी चाहिए वर्ना गलत तरीके से लेने के कारण आपके स्वास्थ्य पर इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है।हालाँकि कीटो डाइट के अनगिनत शारीरिक फायदे होते हैं लेकिन इसके कुछ गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं जिसे अनदेखा करना गहरी स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
दिल की समस्या :
एक रिसर्च के मुताबिक कीटो डाइट आपके दिल को कमजोर बनाने के साथ उसे कई सारी समस्याओं से भी ग्रसित कर देता है। गौरतलब है कि वजन कम करने के लिए की जाने वाली कीटो डाइट में उपभोग की जाने वाली कुछ चीजों के सेवन से हार्ट रिस्क का खतरा काफी बढ़ सकता है।
एथलेटिक परफॉर्मेंस में आती है कमी:
लगातार कीटो डाइट फॉलो करने पर शारीरिक परफॉर्मेंस में कमी आ जाती है। बता दें कि जब शरीर कीटोसिस में होती है तो शरीर अत्यधिक अम्लीय अवस्था में रहता है, जो पीक लेवल पर आपके परफॉर्मेंस की क्षमता को सीमित कर उसमें कमी ले आता है।
दोबारा वजन बढ़ने का डर:
शोध के मुताबिक कीटो डाइट को कभी भी लंबे समय तक फॉलो नहीं करना चाहिए। बल्कि कुछ दिनों बाद ही आपको अपने नॉमर्ल डाइट पर लौट आ जाना चाहिए। दरअसल कीटो डाइट फॉलो करने वालों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि ज्यादातर लोग जब इस डाइट को छोड़ते हैं तो वापस से उनका वजन तेज़ी से कार्ब्स के सेवन के कारण दोबारा बढ़ने लगता है।
मसल्स मास कम होना:
गौरतलब है कि कीटो डाइट से जल्दी वजन कम होने का एक मुख्य कारण यह भी है कि इससे आपके मसल्स को काफी नुकसान होता है। बता दें कि इस डाइट को फॉलो करने से फैट बर्न होने के साथ ही मसल्स मास भी बर्न हो जाता है। जिस कारण आप जल्दी पतले या कम वजन के हो जाते हैं। लेकिन जब कोई व्यक्ति कीटोजेनिक डाइट से बाहर आता है तो वह मूल वजन का अधिकतर हिस्सा वापस से फिर तेज़ी से प्राप्त कर लेता है। लेकिन उसमें लीन मसल्स की अपेक्षा फैट गेन की सम्भावना अधिक होती है।