Happy Birthday Kumar Vishwas: 'कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है' गाने वाले कुमार विश्वास का कवि बनने का सफर
Kumar Vishwas Biography Wikipedia in Hindi: कुमार विश्वास ने अपने करियर की शुरुआत छोटे-मोटे कवि सम्मेलनों में भाग लेकर की। राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर कविताएँ लिखीं, जिनसे वे युवा पीढ़ी के बीच खासे लोकप्रिय हो गए।;
Kumar Vishwas Biography Wikipedia in Hindi: कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के पिलखुआ में हुआ था। उनका असली नाम विश्वास कुमार शर्मा है। उनके पिता डॉ. चंद्रपाल शर्मा आरएसएस डिग्री कॉलेज, पिलखुआ में हिंदी के प्रोफेसर थे, और माता गृहिणी थीं। कुमार विश्वास का झुकाव बचपन से ही साहित्य और काव्य की ओर था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पिलखुआ से प्राप्त की और बाद में हिंदी साहित्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया।
इंजीनियरिंग के पहले ही साल में कुमार विश्वास को महसूस हुआ कि उनका दिल इस क्षेत्र में नहीं लग रहा। उनकी रुचि हमेशा से कविता और शायरी में थी। हॉस्टल में रहते हुए जब उन्होंने ओशो की किताब 'माटी कहे कुम्हार सू' पढ़ी, तो उनके भीतर एक बदलाव आया। उसी क्षण उन्होंने तय कर लिया कि वे इंजीनियरिंग छोड़ देंगे। अपना सामान समेटा और इलाहाबाद से घर लौट आए। घर पहुँचने पर इस फैसले को लेकर जमकर विवाद हुआ। उनके पिता इस निर्णय से बेहद नाराज हुए, यहाँ तक कि गुस्से में उन्हें थप्पड़ तक जड़ दिया। लेकिन कुमार विश्वास अपने संकल्प पर अडिग रहे। उन्होंने साहित्य में स्नातक की पढ़ाई की और आगे चलकर अध्यापन कार्य करने लगे।
कवि के रूप में संघर्ष और सफलता
हिंदी साहित्य के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें कविता की ओर आकर्षित किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छोटे-मोटे कवि सम्मेलनों में भाग लेकर की। संघर्ष के दिन:प्रारंभ में उन्हें अधिक पहचान नहीं मिली और कई बार उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।कवि सम्मेलनों में उन्हें केवल छोटी भूमिकाएँ मिलती थीं, लेकिन उनकी प्रस्तुति शैली ने धीरे-धीरे लोगों का ध्यान आकर्षित किया।उन्होंने विभिन्न शहरों और गांवों में कवि सम्मेलनों में भाग लेकर अपनी पहचान बनाई।शुरुआत में उनके पास सीमित साधन थे, लेकिन उनका आत्मविश्वास और जुनून उन्हें आगे बढ़ाता रहा।
सफलता की ओर कदम
कुमार विश्वास ने प्रेम, राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर कविताएँ लिखीं, जिनसे वे युवा पीढ़ी के बीच खासे लोकप्रिय हो गए। उनकी प्रसिद्ध कविताएँ "कोई दीवाना कहता है", "हम मोहब्बत के मारों का हाल मत पूछो" आदि हैं। वे देश-विदेश में हजारों कवि सम्मेलनों में अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर चुके हैं। उनके काव्य पाठों में हास्य, व्यंग्य और गहरी संवेदनाएँ समाहित रहती हैं, जिससे वे श्रोताओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। उन्होंने हिंदी काव्य मंच को एक नया आयाम दिया और युवा पीढ़ी को साहित्य से जोड़ने का कार्य किया।
राजनीतिक करियर और विवाद
कुमार विश्वास ने 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भाग लिया और बाद में आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े। उन्होंने पार्टी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में उन्होंने आम आदमी पार्टी का जोरदार प्रचार किया। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने अमेठी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। उन्होंने पार्टी की विचारधारा को जनता के बीच ले जाने में अहम भूमिका निभाई।
कुमार विश्वास से जुड़े प्रमुख विवाद
कुमार विश्वास सिर्फ अपनी कविताओं और वक्तृत्व कला के लिए ही नहीं, बल्कि अपने बयानों, राजनीतिक गतिविधियों और व्यक्तिगत टिप्पणियों के कारण भी कई बार विवादों में रहे हैं। यहाँ उनके कुछ प्रमुख विवादों का विवरण दिया गया है-
1. आम आदमी पार्टी (AAP) से टकराव और अरविंद केजरीवाल से मतभेद
कुमार विश्वास का नाम आम आदमी पार्टी (AAP) के संस्थापक सदस्यों में आता है। अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद जब अरविंद केजरीवाल ने AAP बनाई, तो कुमार विश्वास भी उसमें शामिल हुए।
2014 में उन्हें अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया, लेकिन वे बुरी तरह हार गए।बाद में पार्टी के भीतर मतभेद बढ़ने लगे, खासकर अरविंद केजरीवाल से उनकी दूरियाँ बढ़ गईं।2017 में पंजाब विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में खुद को पेश करने पर पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया।2018 में AAP ने उन्हें राज्यसभा भेजने से इनकार कर दिया, जिससे वे पूरी तरह पार्टी से अलग हो गए।उन्होंने खुलकर केजरीवाल की आलोचना की और AAP को 'विश्वासघाती पार्टी' कहा।
2. अरविंद केजरीवाल पर लगाए गंभीर आरोप
2018 में कुमार विश्वास ने खुलासा किया कि AAP ने उन्हें दरकिनार करने के लिए साजिश रची। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने उन्हें "खत्म" करने की कोशिश की और उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए।उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल सरकार के अंदर भ्रष्टाचार है।यह भी कहा कि पार्टी में तानाशाही बढ़ रही है और कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है।उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि AAP नेताओं ने उनके खिलाफ फर्जी मामलों में फँसाने की धमकी दी।
3. महिलाओं को लेकर विवादित बयान
कुमार विश्वास कई बार महिलाओं को लेकर दिए गए विवादास्पद बयानों की वजह से आलोचनाओं के घेरे में आ चुके हैं। 2015 में आम आदमी पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने उन पर अनुचित संबंधों का आरोप लगाया, जिससे उनकी छवि को नुकसान हुआ। उन्होंने मंच से कई बार ऐसी पंक्तियाँ कहीं, जिन्हें महिला विरोधी बताया गया। उनके कुछ पुराने वीडियो सामने आए, जिनमें वे महिलाओं को लेकर अपमानजनक टिप्पणियाँ करते नजर आए।
4. बीजेपी और RSS पर हमले
कुमार विश्वास ने राजनीति से दूरी बनाने के बावजूद कई बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तंज कसे हैं, जिससे वे दक्षिणपंथी संगठनों के निशाने पर आए। उन्होंने 2021 में एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी और RSS की विचारधारा पर तंज कसते हुए तीखी टिप्पणी की। भाजपा समर्थकों ने उन पर हिंदू विरोधी होने के आरोप लगाए।
5. पाकिस्तान को लेकर बयान
2022 में कुमार विश्वास का एक बयान वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें 2017 में पंजाब चुनाव के दौरान यह कहा था कि वे "खालिस्तान समर्थकों" से समर्थन ले सकते हैं।इस बयान के बाद पंजाब और दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया.भाजपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर AAP को घेरा और केजरीवाल पर देश विरोधी ताकतों से जुड़े होने का आरोप लगाया।AAP ने इस दावे को झूठा और बेबुनियाद बताया।
6. कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज
कुमार विश्वास ने कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी पर कई बार तंज कसे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से हारने के बाद उन्होंने राहुल गांधी को लेकर व्यंग्यात्मक टिप्पणियाँ कीं। वे अक्सर कांग्रेस को 'मृतप्राय पार्टी' कहकर मजाक उड़ाते रहे हैं। 2019 के चुनावों से पहले उन्होंने कहा था कि "राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने की क्षमता नहीं रखते", जिससे कांग्रेस समर्थकों में नाराजगी देखी गई।
7. मंच पर दिए गए विवादास्पद बयान
कवि सम्मेलन के दौरान कुमार विश्वास कई बार विवादित बयान दे चुके हैं, जिनकी वजह से उन्हें आलोचना झेलनी पड़ी। उन्होंने कई बार धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों पर चुटकियाँ लीं, जिससे उनके विरोधी भड़क उठे। वे अपनी काव्य मंचीय शैली में नेताओं और नीतियों पर कटाक्ष करते हैं, जिससे वे बार-बार विवादों में घिर जाते हैं। उनके कुछ पुराने वीडियो वायरल हुए, जिनमें उन्होंने कुछ संवेदनशील मुद्दों पर टिप्पणी की थी, जिन्हें अपमानजनक माना गया।
8. शायरों और लेखकों से विवाद
कुमार विश्वास पर आरोप लगा कि वे कई बार किसी अन्य लेखक या कवि की रचनाएँ मंच पर अपनी बताकर पढ़ देते हैं। सोशल मीडिया पर कई बार यह मुद्दा उठा कि उनकी कुछ प्रसिद्ध कविताएँ दूसरे शायरों की प्रेरित रचनाएँ हैं। हालांकि, उन्होंने इन आरोपों का कभी खुलकर जवाब नहीं दिया।
जो भी हो, उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई, और वे आज भी अपनी कविताओं और भाषणों के माध्यम से लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं।
साहित्यिक उपलब्धियाँ और सम्मान
कुमार विश्वास को कई साहित्यिक और सामाजिक सम्मान मिल चुके हैं। वे हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक सम्मानित नाम हैं।उनकी प्रसिद्ध शायरी 'कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है...', जिसने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई, सोशल मीडिया और मंचों पर खूब वायरल हुई। इसके बाद वे कवि सम्मेलनों के जाने-माने नाम बन गए और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज वे एक शो के लिए 10 लाख रुपये तक की फीस लेते हैं और अपनी शायरी और वक्तृत्व कला से लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
उनके यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पर उनके काव्य-पाठों को लाखों लोग देखते और पसंद करते हैं। उन्होंने कई युवा कवियों को मंच प्रदान किया और हिंदी कविता को जन-जन तक पहुँचाया। उनके काव्य संग्रहों को व्यापक सराहना मिली और उन्होंने साहित्य में नई ऊर्जा का संचार किया।
व्यक्तिगत जीवन और परिवार
कुमार विश्वास का विवाह मंजू शर्मा से हुआ, जो एक प्रोफेसर हैं। उनके दो बच्चे हैं। उनका पारिवारिक जीवन बहुत ही साधारण और संतुलित रहा है। वे अपने पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं को महत्व देते हैं। उनके जीवनसाथी ने उनके साहित्यिक और राजनीतिक करियर में महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान किया।
कुमार विश्वास ने केवल साहित्य और राजनीति में ही योगदान नहीं दिया, बल्कि वे समाज सेवा से भी जुड़े रहे हैं। कुमार विश्वास का जीवन संघर्ष, सफलता और विवादों से भरा रहा है। वे एक सफल कवि, लेखक और वक्ता हैं, जिन्होंने लाखों लोगों को प्रेरित किया है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि अगर मन में सच्ची लगन हो, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उनका काव्य प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा है और उनकी रचनाएँ आज भी लोगों के दिलों में गूँजती हैं। उनके विचार और कविताएँ आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती रहेंगी।