Maa Chandraghanta Wishes Messages: नवरात्रि के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की आराधना, प्रियजनों को भेंजें शुभकामना सन्देश

Maa Chandraghanta Wishes Messages: नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की आराधना साथ ही अपने प्रियजनों को भेजें शुभकामना सन्देश।

Update:2024-10-05 07:23 IST

Maa Chandraghanta Wishes Messages (Image Credit-Social Media)

Maa Chandraghanta Wishes Messages: आज है नवरात्रि 2024 का तीसरा दिन इन नौ दिनों में प्रत्येक दिन में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है। आज के दिन भक्त देवी दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं। इस दिन का गहरा आध्यात्मिक अर्थ है। माँ चंद्रघंटा उस साहस, शांति और कृपा का प्रतीक है जो मां चंद्रघंटा का प्रतीक है। ऐसे में आज के दिन की शुभकामनाएं अपने प्रियजानों भेज सकते हैं।

नवरात्रि का दूसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है

मां करती सबका उद्धार है

मां करती सबकी बेड़ा पार है

मां करती सबका उद्धार है

जय मां चंद्रघंटा

Happy Shardiya Navratri 2024

क्रोध को शांत करने वाली

मीठे बोल सीखाने वाली

जय मां चंद्रघंटा कहलाने वाली

Happy Shardiya Navratri 2024

सर्व मंगल मांगल्ये

शिवे सर्वार्थ साधिके

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी

नारायणी नमोस्तुते

Happy Shardiya Navratri 2024

ऐं श्रीं शक्तयै नम:

मां चंद्रघंटा आपको अपना आशीर्वाद दें

Happy Shardiya Navratri 2024

मां चंद्रघंटा आपके जीवन के

सभी कष्टों को हर लें

मां सदैव आपकी आसुरी

शक्तियों से रक्षा करें

Happy Shardiya Navratri 2024

हे कालरात्रि हे कल्याणी,

तेरा जोड़ धारा पर कोई नहीं,

मेरी मां के बराबर कोई नहीं,

जय मां चंद्रघंटा

Happy Shardiya Navratri 2024

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता.

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता

Happy Shardiya Navratri 2024

चिंता नही चिंतन का दामन थामा हैं,

क्योंकि माँ ने मेरी मुझे अपना माना हैं

Happy Shardiya Navratri 2024


मां चंद्रघंटा पूजा मंत्र (Maa Chandraghanta Puja Mantra)

पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।

मां चंद्रघंटा की आरती (Maa Chandraghanta Aarti)

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।

पूर्ण कीजो मेरे काम।।

चंद्र समान तू शीतल दाती।

चंद्र तेज किरणों में समाती।।

क्रोध को शांत बनाने वाली।

मीठे बोल सिखाने वाली।।

मन की मालक मन भाती हो।

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।।

सुंदर भाव को लाने वाली।

हर संकट मे बचाने वाली।।

हर बुधवार जो तुझे ध्याये।

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय।।

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।।

शीश झुका कहे मन की बाता।

पूर्ण आस करो जगदाता।।

कांची पुर स्थान तुम्हारा।

करनाटिका में मान तुम्हारा।।

नाम तेरा रटू महारानी।

भक्त की रक्षा करो भवानी।।                

Tags:    

Similar News